नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह 2जी स्पेक्ट्रम की सुनवाई में तब तक आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बलवा सहित अन्य आरोपी पहले के आदेश का पालन नहीं करते व पौधरोपण मुहिम पूरी नहीं कर लेते।
अदालत ने 2जी मामले में उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो व प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर वादियों से जवाब मांगा था। जवाब देने में विफल रहने पर वादियों को दिल्ली के रिज क्षेत्र में पौधे लगाने का आदेश दिया गया था।
न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को तय कर दी।
अदालत ने 7 फरवरी को बलवा, व्यापारी राजीव अग्रवाल व तीन कंपनियों-डायनामिक्स रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रियल्टी व निहार कंस्ट्रक्शंस-प्रत्येक को तीन-तीन हजार पौधे लगाने को कहा था।
बाद में अदालत बलवा व अग्रवाल की याचिका पर पौधों की संख्या 1500 करने पर सहमत हुआ।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा कि उन्होंने कुछ पौधे लगाए हैं और बाकी प्रक्रिया चल रही है। मुहिम पूरी करने के लिए 60 दिन और मांगे गए।
पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा के करीबी आर.के.चंदोलिया, आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबलस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को इससे पहले प्रत्येक को 500 पौधे लगाने को कहा गया था।
अदालत ने आदेश दिया कि पौधे देसी प्रजाति के होने चाहिए और इनका मानसून तक ख्याल रखा जाना चाहिए।
अदालत 2जी मामले में राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी व अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रहा था। विशेष अदालत ने दिसंबर 2017 में उन्हें रिहा कर दिया था।
जांच एजेंसी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए मार्च 2018 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
बलवा व अन्य के बार-बार चेतावनी के बाद जवाब देने में विफल रहने पर अदालत ने उन पर जुर्माना के तौर पर राशि लगाने की बजाय पौधारोपण मुहिम पूरा करने को कहा।