जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने नए साल के अपने संदेश में देश के नागरिकों से शरणार्थियों की मदद का आह्वान किया है. उन्होंने लोगों से इस्लाम विरोधी रैलियां निकाल रहे समूहों का विरोध करने की अपील की है.
नए साल की पूर्व संध्या पर देश के नाम संदेश में अंगेला मैर्केल ने कहा कि जर्मनी की तरफ से शरणार्थियों के लिए मदद के रास्ते खुले हैं. उन्होंने कहा, “यह बताने की जरूरत नहीं है कि जो लोग हमारे यहां शरण चाहते हैं उनकी मदद के लिए हम तैयार हैं.” मैर्केल ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस साल जर्मनी में दो लाख से ज्यादा शरणार्थी अर्जियां आई हैं. जर्मनी इस समय दुनिया भर में सबसे ज्यादा शरणार्थियों को पनाह देने वाला देश बन गया है. मैर्केल ने अपने भाषण में देशवासियों से कहा कि वे शरणार्थियों और इस्लामीकरण का विरोध करने वाली पेगिडा रैलियों का विरोध करें जो नफरत और भेदभाव को बढ़ावा देने का जरिया हैं.
इंसानियत को खतरा आईएस
जर्मनी में शरणार्थी अर्जियां डालने वाले शरणार्थियों का पांचवा हिस्सा गृह युद्ध से जूझ रहे देश सीरिया का है यहां विद्रोही 2011 से राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. साथ ही देश के उत्तरी इलाके मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के कब्जे में हैं जिसके लड़ाके बर्बरता का परिचय दे रहे हैं.
मैर्केल ने इस्लामिक स्टेट को दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा बताते हुए उसके खिलाफ चेतावनी दी और कहा, “आतंकवादी संगठन ने बेरहमी से उन लोगों को मार दिया जिन्होंने उसके सामने सिर नहीं झुकाया.” मैर्केल ने कहा कि आईएस हमारे घरेलू मूल्यों के लिए भी खतरा है.
जर्मन चांसलर ने कहा कि इस साल शरणार्थियों की जितनी बड़ी संख्या सामने आई है ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रभावित माता पिता के बच्चों को जर्मनी में शांत वातावरण में जीने का मौका मिलना चाहिए. यह देश के लिए गौरव की बात है.
पेगिडा की निंदा
मैर्केल ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस्लाम विरोधी पेगिडा रैलियां निकाल रहे लोगों से सावधान रहें. बहुत से लोग जर्मनी में आ रही शरणार्थियों की बड़ी संख्या से चिंतित हैं. पिछले कुछ समय से रैलियां निकाल रहे पेगिडा को समर्थन दे रहे लोग खुद को राष्ट्रवादी बताते हैं और देश में इस्लामीकरण और शरणार्थियों को पनाह देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
मैर्केल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम इंसान को इंसान से रंग और धर्म के आधार पर अलग करते हैं. उन्होंने कहा, “उन लोगों का साथ न दें जो ऐसी रैलियों का आयोजन कर रहे हैं. उनके दिल में रहम नहीं वे पूर्वाग्रह और यहां तक नफरत से भी भरे होते हैं.”
यूरोप में सुरक्षा
मैर्केल ने इस पर जोर दिया कि यूक्रेन में जारी संकट से यूरोप विभाजित नहीं होगा. उन्होंने यूक्रेन में रूसी दखलअंदाजी की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, “हम यूरोप में रूस के सहयोग के साथ सुरक्षा चाहते हैं, रूस के खिलाफ नहीं.” लेकिन यूरोप ऐसी किसी भी शक्ति को स्वीकार नहीं कर सकता जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रही हो.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने पश्चिम अफ्रीकी देशों में इबोला के संकट पर भी बात की. उन्होंने सभी डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और जर्मन रेडक्रॉस सोसायटी के कर्मचारियों समेत सैनिकों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने महामारी से लड़ने में जी जान लगा दिया.
from dw.de