बेंगलुरू, 27 सितम्बर = तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की प्रमुख जे.जयललिता को बेंगलुरू की एक अदालत ने शनिवार को आय से अधिक संपत्ति जमा करने के एक मामले में दोषी करार दे दिया। इस पूरे मामले से संबंधित घटनाक्रम निम्न प्रकार हैं-
1996- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार ने जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई।
1997- अदालत ने चार नेताओं -जयललिता, वी.एन.सुधाकरन, वी.के.शशिकला और जे. इल्लारासी- के खिलाफ आरोप तय किए।
2003 – डीएमके नेता के.अनबाजगन ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया कि मामला तमिलनाडु से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने मामला कर्नाटक के बेंगलुरू स्थानांतरित करने के आदेश दिए जहां विशेष अदालत गठित की गई।
2010 – आय से अधिक संपत्ति का मामला गंभीर तरीके से शुरू हुआ।
2011 – एआईएडीएमके सत्ता में वापस आई और जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
जयललिता अदालत के सामने पेश हुईं और 1,300 सवालों के जवाब दिए।
2012- सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष सरकारी वकील जी.भवानी सिंह को नियुक्त किया।
जॉन माइकल कुन्हा को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
2014- 20 सितंबर का दिन फैसले के लिए तय किया गया। जयललिता की ओर से सुरक्षा कारणों का हवाला देने पर तिथि 27 सितंबर कर दी गई।
2014- जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया गया।