भारतीय समाचार पत्रों में छपी एक ख़बर के अनुसार, कभी बाल बनवाने और दाढ़ी कटवाने पर लोगों को कड़ी सजा देनेवाले तालिबानी लड़ाके अब खुद ही जान बचाने के लिए बाल कटवा रहे हैं और दाढ़ी बनवा रहे हैं।
दरअसल ये लड़ाके पाकिस्तानी सेना के हमले से बचने के लिए अपना हुलिया बदल रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान में तालिबान के खिलाफ जमीनी अभियान छेड़ा हुआ है।
पाकिस्तानी सेना के अफसरों के मुताबिक, तालिबान न सिर्फ दाढ़ी साफ करवा रहे हैं, बल्कि बाल कटवाकर खुद को मॉडर्न लुक भी दे रहे हैं। स्थानीय सलून के हज्जामों ने भी इसकी पुष्टि की है। इनका कहना है कि कट्टरपंथी लड़ाके दरअसल चेहरे को साफ-सुथरा लुक देकर आम लोगों के बीच छिपना चाहते हैं।
उत्तरी वजीरिस्तान के प्रमुश शहर मीरानशाह के बड़े नाइयों में शुमार आजम खान कहते हैं कि सेना के अभियान को देखते हुए 5 लाख लोग इलाके को छोड़ चुके हैं। लेकिन वह बताते हैं कि इन दिनों हेयर कट सलून के बिजनेस में बूम आया हुआ है।
उन्होंने खुद 700 से ज्यादा स्थानीय, ताजिक और उज्बेक लड़ाकों के बाल काटे हैं। इससे पहले तालिबान अपने प्रमुख नेता हकीमुल्ला मेहसूद की तर्ज पर बाल कटवाते रहे हैं। लेकिन अब यही लड़ाके अपनी दाढ़ी ट्रिम करने और बाल बेहद छोटे करने को कह रहे हैं।
इन लड़ाकों का कहना है कि वे अब गल्फ जा रहे हैं। इन लड़ाकों का भाषा ज्ञान बेहद कम है। वे बस यही कहते हैं ‘मुलगरी (दोस्त), मशीन, जीरो, इस्लामाबाद’…यानी कि हमारी दाढ़ी छोटी कर दो, जिससे कि हम इस्लामाबाद जा सकें।
इस्लाम के तथाकथित ये रखवाले पहले जहां साबुन और परफ्यूम के जबर्दस्त विरोध में थे, वहीं अब वे इन कॉस्मेटिक्स का धड़ल्ले से प्रयोग करते देखे जा रहे हैं। मीरानशाह के ही दुकानदार हिकमतउल्ला खान कहते हैं कि तालिबान फ्रेंच और टर्किश परफ्यूम, बॉडी स्प्रे के साथ ब्रिटिश डिटर्जेंट, शैंपू आदि का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। वे अमेरिकी कुकिंग ऑइल भी मांग रहे हैं।
दरअसल ऐसा करके वे पाकिस्तानी सेना की नजर से बच जाते हैं और पाकिस्तान में इस्लामाबाद सहित कहीं भी आ जा सकते हैं। गौरतलब है, लगातार दो पाकिस्तानी हवाईअड्डों पर आतंकवादी हमलों के चलते इन दिनों पाकिस्तानी सेना ने तालिबान के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है, जिसमें 400 से ज्यादा लड़ाकों की मौत हो चुकी है। अब भी इन लड़ाकों की तादाद 2000 के करीब है। सैनिक अभियान शुरू होने से पहले यही तादाद 10 हजार के करीब थी।