भोपाल:मध्यप्रदेश में बीते पाँच साल में 1402 लघु सिंचाई परियोजना पूरी की गई हैं। कुल 6,662 करोड़ लागत की इन परियोजनाओं से 4 लाख 83 हजार 424 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है।
वित्त एवं जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल प्रदेश में 701 लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें से 100 परियोजना आगामी 100 दिन में पूरी कर ली जायेंगी। कुल 701 निर्माणाधीन लघु सिंचाई योजनाओं में से 300 जून 2014 तक पूरी कर ली जायेंगी।
श्री मलैया ने बताया कि वर्ष 2010 के रबी मौसम में सिर्फ 9 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी। इसे 2011 में बढ़ाकर 16 लाख 35 हजार और 2012 में 20 लाख 21 हजार हेक्टेयर किया गया। इस रबी में 23 लाख हेक्टेयर से अधिक में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि आगामी पाँच साल में 40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मुहैया करवाने के लक्ष्य को पाने के लिये सुनियोजित प्रयास किये जा रहे हैं। बालाघाट जिले में बेनगंगा परियोजना में केनाल लाइनिंग का काम शुरू कर दिया गया है। राजगढ़ जिले की मोहनपुर योजना का काम आगामी 100 दिन में शुरू हो जायेगा। टीकमगढ़ जिले की बानसुजरा परियोजना पर भी काम शुरू हो गया है। इन परियोजनाओं में स्प्रिंकलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाया जायेगा।
इसी तरह रीवा के बाणसागर में त्योंथर फ्लो परियोजना पर काम शुरू किया गया है, जिससे 40 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। राजगढ़ की कुंडलिया परियोजना का काम हाथ में लिया जा रहा है। देवास की दतुनी परियोजना मंजूर की गई है। धार में उरीबाग, पन्ना में रूँझ, मिडासान, पवई तथा मझगाँव परियोजनाएँ भी स्वीकृत की गई हैं। सागर में 60 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाली बीना परियोजना तथा दमोह में 15 हजार हेक्टेयर क्षमता की पंचमनगर परियोजना को भी मंजूरी दी गई है।
जल संसाधन मंत्री के अनुसार विदिशा-गंजबासौदा में संजयसागर बाह्य, सगड़, बघर्रु तथा राजगढ़ में कुशलपुर मध्यम परियोजना पूरी की गई है। बालाघाट जिले में बावनथड़ी (राजीव सागर), छतरपुर जिले में बरियापुर तथा धार जिले में माही परियोजना का बाँध कार्य पूरा किया गया है। इनकी नहरों का काम जारी है।