नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों को चुनौती देने वाली 13 मीडिया संगठनों और एक पत्रकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है.
चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथीलकुमार राममूर्ति की पीठ ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन और पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किय
हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कृष्णा की दलील इन नियमों से जुड़ी हुई है, जो निजता के अधिकार का उल्लंघन है जबकि ताजा याचिका आईटी नियमों के चुनिंदा नियमों से जुड़ी हुई है.
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन में एबीपी नेटवर्क प्रा. लिमिटेड, अमर उजाला लिमिटेड, डीबी कॉर्प लिमिटेड, एक्सप्रेस नेटवर्क प्रा. लिमिटेड, एचटी डिजिटल स्ट्रीम्स लिमिटेड, आईई ऑनलाइन मीडिया सर्विसेज प्रा. लिमिटेड, जागरण प्रकाशन लिमिटेड, लोकमत मीडिया प्रा. लिमिटेड, एनडीटीवी कंवर्जेंस लिमिटेड, टीवी टुडे नेटर्वक लिमिटेड, द मलयाला मनोरमा कंपनी प्रा. लिमिटेड, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड और उषोदया इंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड शामिल हैं.
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि डिजिटल मीडिया को आईटी नियमों के तहत लाना गलत और मीडिया घरानों का मनमाना वर्गीकरण है क्योंकि बिना उनसे चर्चा किए इन्हें लागू किया गया है और यह उनके कामकाज पर अनुचित प्रभाव डालेगा.
याचिका में कहा गया, ‘आईटी नियम 2021 निगरानी और भय के युग की शुरुआत है, जिसके परिणामस्वरूप स्व-सेंसरशिप का खतरा है और जो भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकारों को सीमित करता है.’
पीठ ने याचिकाकर्ताओं को नियम 12, 14 और 16 के दायरे में दंडात्मक कार्रवाई का सामना करने पर अंतरिम राहत के लिए अदालत जाने की छूट दी है.
अदालत ने किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि इस नियम के तहत अभी तक किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है.
आदेश में कहा गया, हालांकि अगर इस तरह के प्रावधानों को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ इस्तेमाल में लाया जाता है तो याचिकाकर्ताओं के पास अंतरिम राहत पाने के लिए आवेदन करने की छूट है.इस मामले पर अब अगले तीन हफ्तों मे सुनवाई होगी.