नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने गुरुवार को कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में कथित संलिप्तता के लिए 123 सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए विभिन्न सरकारी संगठनों से स्वीकृति मिलने का पिछले चार महीनों से इंतजार कर रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ सीवीसी अधिकारी ने आईएएनएस को नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, “हां, सीवीसी उन अधिकारियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई के लिए विभिन्न विभागों से आदेशों की प्रतीक्षा कर रही है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।”
अधिकारी ने बताया कि 123 सरकारी अधिकारियों की सूची में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों में काम करने वाले अधिकारी शामिल हैं।
सूत्र ने कहा कि 123 अधिकारियों में से 45 सरकारी बैंकों के हैं।
सीवीसी सूत्रों के अनुसार, विभिन्न सरकारी संगठनों से स्वीकृति के लिए कुल 57 मामले लंबित हैं।
सूत्र ने कहा कि सीबीआई के एक अतिरिक्त एसपी, ईडी और आईटी विभाग से जुड़े सहायक निदेशक समेत कई अन्य अधिकारियों पर अलग-अलग मामलों के चलने का इंतजार किया जा रहा है, जबकि कार्मिक मंत्रालय के साथ लगभग आठ मामले लंबित हैं, और रेल मंत्रालय और उत्तर प्रदेश की सरकार के समक्ष पांच-पांच मामले लंबित हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के 45 कर्मचारियों के खिलाफ कुल 15 मामले पिछले चार महीनों से मंजूरी के इंतजार में लंबित हैं।
सूत्र ने कहा कि आयोग ने सहमति जताई है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कॉर्पोरेशन बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और सिंडिकेट बैंक के 16 अधिकारियों के खिलाफ लंबित सात मामलों में उनके विभागों की मंजूरी की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि हालांकि, अंतिम कार्रवाई या निर्णय अभी हुआ नहीं है।
सूत्र ने तब कहा कि इस तरह के दो मामले केंद्र शासित प्रदेशों, राजस्व विभाग, रक्षा मंत्रालय, खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पास लंबित हैं।
सूत्र ने कहा कि छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की राज्य सरकारों के पास एक-एक मामले में कार्रवाई के लिए मंजूरी का इंतजार है।