नई दिल्ली- 12 विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी कर किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर बुलाए गए देशव्यापी विरोध दिवस का समर्थन किया है। पार्टियों का कहना है कि वह आंदोलन की शुरुआत में भी किसानों के साथ थीं और आज जबकि उनकी लड़ाई को छह महीने बीत गए हैं तब भी उनके साथ उसी मजबूती के साथ खड़ी हैं। बयान में कहा गया है कि “हम 26 मई, 2021 को साहसिक और शांतिपूर्ण किसान संघर्ष के छह महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा देशव्यापी विरोध दिवस मनाने के आह्वान का समर्थन करते हैं”।
बयान में 12 मई, 2021 को पीएम मोदी को लिखे गए पत्र का भी हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया था कि “हमारे लाखों अन्नदाताओं को महामारी का शिकार होने से बचाने के लिए कृषि कानूनों को निरस्त करें ताकि वे भारत के लोगों का पेट भरने के लिए अन्न का उत्पादन जारी रख सकें”।
आखिर में विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी 2+50 प्रतिशत के फार्मूले के आलोक में न्यूनतम समर्थन मूल्य के वैधानिक अधिकार की मांग की है।
नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ना चाहिए और किसान संयुक्त मोर्चा के साथ पुन: बातचीत आरंभ करनी चाहिए।
हस्ताक्षरकर्ताओं में सोनिया गांधी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस), एचडी देवगौड़ा (जेडी-एस), शरद पवार (एनसीपी), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एमके स्टालिन (डीएमके), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), डी राजा (भाकपा) और सीताराम येचुरी (माकपा) शामिल हैं।