दिल्ली-न्यूज़ चैनल एनडीटीवी इंडिया को 24 घंटे तक प्रसारण बंद करने का जो आदेश मिला है, उसे लेकर केंद्र सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है.सरकार ने साफ़ कहा कि वह फ़ौज की आलोचना बर्दाश्त नहीं करेगी. अब यदि एनडीटीवी ने कुछ दिखाया है तो दूसरे चैनलों ने भी ऐसा ही कुछ किया होगा. लेकिन उन पर कोई एक्शन लिया गया या नहीं, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है.
सूचना प्रसारण मंत्रालय के एक पैनल ने पठानकोट में चरमपंथी हमले को लेकर एनडीटीवी के कवरेज को राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट वाला बताते हुए 24 घंटे की पाबंदी लगा दी है.सरकार के इस फ़ैसले की एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने भी कड़ी निंदा की है.एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो इस अप्रत्याशित फैसले की घोर निंदा करता है और मांग करता है कि इस फ़ैसले पर तुरंत रोक लगाई जाए.
सरकार का दावा है कि पठानकोट हमले पर एनडीटीवी इंडिया की कवरेज से संवदेनशील सूचनाएं आतंकवादियों के पास पहुंचीं.
एनडीटीवी ने अपने जवाब में कहा कि उसने कोई भी गोपनीय सूचना सार्वजनिक नहीं की है.
चैनल का कहना है कि उसकी कवरेज में जो चीजें आईं, वो पहले से ही सार्वजनिक हैं.सरकार के इस फ़ैसले के बाद कहा जा रहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है.