नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 11 सीमेंट कंपनियों पर कार्टेल बनाए जाने के लिए 6,700 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और इस तरह का फर्जीवाड़ा करने में मदद करने के लिए कंपनियों के संगठन को भी लताड़ लगाई।
जयप्रकाश एसोसिएट्स पर सर्वाधिक 1,323 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि जेके सीमेंट्स पर सबसे कम 128.54 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है।
आयोग ने कहा कि कंपनियों और सीमेंट उत्पादकों ने कंपनी अधिनियम-2002 का उल्लंघन किया और कीमतों, उपयोग क्षमता, उत्पादन की मात्र और बाजार को भेजी गई उत्पाद की मात्रा से संबंधित आंकड़े एकदूसरे से साझा किए, जिससे कि बाजार में सीमेंट की आपूर्ति बाधित हुई।
आयोग की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को यह भी पता चला है कि कंपनियों ने कीमतें तय करने में मिलीभगत कर कंपनी अधिनियम-2002 की धार 3(1) (धारा 3(3)(ए) के साथ) का उल्लंघन किया।”
आयोग ने कहा कि कंपनियों ने अपने संगठन का इस्तेमाल सूचनाओं के आदान-प्रदान की सीमा का उल्लंघन करने के लिए किया और संगठन की बैठकों के दौरान लागतों, कीमतों, उत्पादन और क्षमता से संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान किया। कंपनियों के इस बर्ताव के कारण प्रतिस्पर्धा खत्म की गई।
आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा कि बैठकों के दौरान कंपनियों को इस बात के प्रति संवेदनशील होना चाहिए कि उनकी चर्चा प्रतिस्पर्धा-रोधी बर्ताव का उल्लंघन न करती हो।
विभिन्न कंपनियों पर लगाया गया जुर्माना :
– जयप्रकाश एसोसिएट्स : 1,323.6 करोड़ रुपये
– अल्ट्राटेक : 1,175.49 करोड़ रुपये
– एसीएल : 1,163.91 करोड़ रुपये
– एसीसी : 1,147.59 करोड़ रुपये
– लाफार्ज : 490.01 करोड़ रुपये
– श्री सीमेंट : 397.51 करोड़ रुपये
– सेंचुरी : 274.02 करोड़ रुपये
– रैमको : 258.63 करोड़ रुपये
– इंडिया सीमेंट्स : 187.48 करोड़ रुपये
– बिन्नानी : 167.32 करोड़ रुपये
– जेके सीमेंट्स : 128.54 करोड़ रुपये