बेंगलुरू, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में भारत में जगह बनाने में कामयाब होने के बाद केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नेतृत्व शुक्रवार से दो दिनों के लिए यहां बैठक करेगा और 11 राज्यों तक सीमित अपनी सत्ता के दायरे को और विस्तार देने के बारे में मंथन करेगा।
आत्मविश्वास से लबरेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दृढनिश्चयी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश भर से 110 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
नेताओं ने कहा कि विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित चर्चा के कई मुद्दे सामने रखे जाएंगे। भूमि अधिग्रहण विधेयक ने हताश विपक्ष को एकजुट कर दिया है जिसपर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा अपने नेताओं और इकाइयों को किसानों तक पहुंच कर विधेयक के लाभ के बारे में बताने और विपक्ष के दुष्प्रचार को खत्म करने का स्पष्ट संदेश देगी।
मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह पहली बैठक होगी। अगस्त महीने में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी।
मोदी के परम विश्वासपात्र अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी यह पहली बैठक होगी।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आईएएनएस से कहा, “यह अत्यंत महत्वपूर्ण सत्र होगा क्योंकि हमने 10 महीनों में (मोदी सरकार के दौरान) अच्छे काम किए हैं।”
उन्होंने कहा कि बैठक में विपक्षी पार्टियों की ‘भ्रामक सूचनाओं’ और ‘दुष्प्रचार’ का भांडाफोड़ने की रणनीति तैयार करने पर विचार किया जाएगा। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक किसानों की भूमि छीन लेगा और उन्हें औद्योगिक घरानों को सौंप देगा।
भाजपा के एक नेता ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने का आग्रह करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर बैठक में सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा।
भाजपा इससे वाकिफ है कि यदि विपक्ष विधेयक के खिलाफ प्रचार बनाए रखने में समर्थ रहता है तो खतरा कैसा होगा। भूमि विधेयक नौ अधिकृत संशोधनों के साथ लोकसभा में पारित तो हो गया लेकिन राज्यसभा में उसे पारित कराया जाना शेष है।
भाजपा नेता इसी वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी पर भी चर्चा करेंगे।
दिल्ली में निपट जाने के बाद भाजपा को बिहार में विजयी होने की उम्मीद है।
भाजपा प्रवक्ता एम. जे. अकबर ने कहा कि मोदी और शाह बेंगलुरू में पार्टी की प्राथमिकताओं को रेखांकित करेंगे।
अकबर ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पार्टी के लिए राह निर्धारित करेंगे ताकि यह भारत पुनरोदय में अपनी भूमिका निभाने में समर्थ हो सके।”