प्याज के बढ़ते दाम जहां एक तरफ लोगों की आंखों में आंसू ला रहे हैं, राजनीतिक दलों के लिए सत्ता खोने की वजह बन सकते हैं, वहीं कई किसानों के लिए इसकी महंगाई खुशियों की बरसात लेकर आई है।
मध्यप्रदेश के छतरपुरा गांव के एक किसान चंपालाल पाटीदार के लिए तो प्याज के बढ़ते दाम कार की सौगात लेकर आए।
चंपालाल के यहां प्याज का 300 क्विंटल उत्पादन हुआ था। तब प्याज के दाम पांच रुपए किलो थे। उन्होंने इस दाम पर उत्पादन की लागत भी न निकल पाने के कारण प्याज बाजार में न बेचकर गोदाम में ही रख लिया।
कुछ समय बाद प्याज की कीमतें आसमान छू गईं और प्याज के दाम 60 रुपए किलो तक पहुंच गए। ऐसे में दो हफ्ते पहले चंपालाल ने 150 क्विंटल प्याज सात लाख रुपए में बेचा।
इन रुपयों से चंपालाल ने एक नई कार खरीदी। प्याज से मिली कार का रंग भी उन्होंने प्याज की तरह लाल ही चुना है।
प्याज की जमाखोरी से 70 हजार का फायदा
कुछ इसी तरह का किस्सा एक और शख्स का है। प्याज के बढ़ते दामों और जमाखोरी से एक और व्यक्ति को जमकर मुनाफा हुआ।
सब्जी के खुदरा दुकानदार नवीन से एक किसान ने पांच हजार रुपए उधार लिया था। किसान ने उधार के एवज में उसे 25 कट्टे प्याज दे दिए।
नवीन ने सिर्फ पांच कट्टे बाजार में निकाले और 20 कट्टे रोक लिए। अब बाकी प्याज बेचकर नवीन को करीब 70 हजार रुपए का मुनाफा हुआ है। इन पैसों से उसने एक बाइक खरीद ली और उस पर लिखवाया, ‘प्याज की देन है’।