बुधवार को पाकिस्तान के प्रांतों और सीमावर्ती क्षेत्रों संबंधी मंत्री अब्दुल कादिर बलोच ने पत्रकारों को यह खबर दी।
मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि 15 जून को उत्तरी वज़ीरिस्तान में तालिबान विरोधी अभियान शुरू होने के बाद सरकार शरणार्थियों की सहायता का उचित ढंग से प्रबंध करने में असफल रही। उसी समय मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार के पास इस के लिये ज़रूरी वित्तीय और तकनीकी साधनों की कोई कमी नहीं थी।
इस बात पर ज़ोर देते हुए कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष का ज़ोर बढ़ाने का कोई विकल्प नहीं है, मंत्री ने देश के निवासियों से अपील की कि वे ऐसे बड़े युद्ध के लिये तैयार हो जायें जिसका पैमाना सन् 1965 और 1971 की लड़ाइयों से अधिक होगा तथा जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के पूरे क्षेत्र में आतंकियों का खात्मा करना होगा।