यह घटना उस समय हुई, जब महिला का पति पास के गांव में लगे मेले में चूड़ियां बेचने गया था। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों का पंचनामा भरकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
ककरबई थाना क्षेत्र के ग्राम कचीर निवासी महबूब खां साइकिल से गांव-गांव फेरी लगाकर चूड़ियां बेचा करता है। पास के गांव में मेला लगा है, इसलिए महबूब आजकल मेले में जाकर अपना धंधा कर रहा था। गुरुवार की शाम वह घर आया और शुक्रवार सुबह जाने के लिए तैयार हो गया। पत्नी नजमा (30) ने उसके लिए नाश्ते में पराठे बनाए और बच्चों के साथ मेला देखने की जिद करने लगे।
इस पर महबूब ने उसे समझा-बुझाकर शांत करा दिया। ककरबई थाने की पुलिस के अनुसार, जब महबूब जाने लगा तो उसके तीनों बच्चे फिजा (8), परवेज (6) एवं अरमान (4)वर्ष भी उसके पीछे-पीछे आ गए और मेला देखने जाने की जिद करने लगे।
महबूब ने सभी को अगले दिन मेला ले चलने का वादा किया और काम पर चला गया। इसके बाद नजमा का दरवाजा अंदर से बंद हो गया। दिन में काफी देर तक जब नजमा व उसके बच्चे किसी को नहीं दिखे तो पड़ोस में रहने वाले महबूब के परिवार की एक बहू ने जाकर नजमा के दरवाजे की कुंडी बजाई। जब कोई जवाब नहीं मिला तो उसने खिड़की से झांककर देखा तो उसकी चीख निकल गई। कमरे में नजमा व उसके तीनों बच्चों के शव फांसी के फंदे पर लटके थे।
परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस व महबूब को दी। सूचना पाकर पुलिस व अधिकारी मौके पर आ गए। महबूब भी मौके पर पहुंच गया।
पुलिस के अनुसार, नजमा ने संभवत: पहले तीनों बच्चों को कमरे में रस्सी से फांसी पर लटकाया और उनकी मौत होने के बाद खुद को पंखे से रस्सी के सहारे फांसी लगा दी, इससे चारों की मौत हो गई।
पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मामूली बात पर एक मां द्वारा अपने मासूम बच्चों व स्वयं को मौत दे देना, पुलिस के गले नहीं उतर रहा है। पुलिस के अनुसार, घर में न तो आर्थिक तंगी है और न ही किसी प्रकार के विवाद की जानकारी आस-पड़ोस से मिली है। फिर भी महबूब व आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है।