नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। चालीस साल पहले 15 मार्च, 1975 को हॉकी विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 से हराकर विश्व चैम्पियन बनी भारतीय टीम की उस एतिहासिक सफलता को हॉकी इंडिया (एचआई) ने याद करते हुए टीम को बधाई दी।
अजीत पाल सिंह के नेतृत्व में भारतीय टीम ने तब कोई कसर नहीं छोड़ते हुए उस समय कुआलालंपुर में यह खिताब जीता। भारत को तब विश्व कप के ग्रुप-बी में पश्चिमी जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अर्जेटीना और घाना के साथ रखा गया था।
भारत तीन जीत, एक हार और एक ड्रा के साथ सेमीफाइनल में पहुंचा और वहां उसने मलेशिया को 3-2 से हराया। पाकिस्तान के साथ खिताबी मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और आशोक कुमार द्वारा दागे गए दो गोलों की बदौलत भारत चैम्पियन बनने में कामयाब हुआ।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा, “उस लम्हे को 40 साल गुजर जाने के बाद आज भी हमें उस उपलब्धि पर गर्व है। मैं उस समय विजेता टीम के सदस्य रहे सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहता हूं। वह लम्हा ही हमें बार-बार इतिहास को दोहराने के लिए प्रेरित करता है।”
उस विश्व कप टीम में अजित पाल, अशोक कुमार, मोहम्मद असलम शेर खान, हरचरन सिंह, लेस्ली फर्नान्डेज, वारिंद्र सिंह, अशोक दिवान, माइकल किंडो, बी.पी. गोविंदा, एच. जे. एस. चिमनी, वी. जे. फिलिप्स, ओंकार सिंह, कालिहा पी. ई., सुरजीत सिंह, शिवाजी पवार और मोहिंदर सिंह शामिल थे।
गौरतलब है कि 1975 का हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट का तीसरा संस्करण था। भारत 1971 में हुए पहले संस्करण में तीसरे स्थान पर रही थी जबकि 1973 में टीम उपविजेता बन कर उभरी। भारतीय टीम हालांकि 1975 के बाद से कभी भी टूर्नामेंट के अंतिम चार में पहुंचने में सफल नहीं हो सकी।