Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पुलिस को संवेदनशील होने की ज़रूरत है | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » भारत » हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पुलिस को संवेदनशील होने की ज़रूरत है

हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पुलिस को संवेदनशील होने की ज़रूरत है

August 6, 2023 11:05 pm by: Category: भारत Comments Off on हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पुलिस को संवेदनशील होने की ज़रूरत है A+ / A-

हरियाणा के नूंह जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आयोजित विरोध प्रदर्शनों के संबंध में अदालत 2 अगस्त को आए एक आवेदन पर विचार कर रही थी. अदालत ने बुधवार को केंद्र और राज्यों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इन विरोध सभाओं के स्थानों पर कोई हिंसा या नफरती भाषण न हो.

वकील निज़ाम पाशा ने अदालत के समक्ष एक ताज़ा आवेदन दायर करते हुए कहा कि अदालती आदेश के बावजूद हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में विरोध रैलियों में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए गए.

अदालत ने कहा, ‘मामले का एक पहलू हेट स्पीच की परिभाषा है- क्या हेट स्पीच है और क्या स्वतंत्र अभिव्यक्ति है- जो स्वयं जटिल है क्योंकि यह अच्छी तरह से परिभाषित नहीं है. लेकिन बड़ी समस्या कार्यान्वयन की है.’

पीठ ने आगे कहा, ‘पुलिस बल में कुछ संवेदनशीलता लानी होगी. उस पर हम केंद्र और राज्यों की सहायता चाहेंगे. कुछ समस्याग्रस्त क्षेत्र हैं. आख़िरकार, शांति बनाए रखना हर किसी के हित में है.’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र की ओर से पेश हुए और बताया कि 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला बनाम भारत संघ मामले में विस्तृत निर्देश दिए थे, जहां हेट स्पीच को स्पष्ट किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘यदि कानून का उल्लंघन होता है, तो उपाय एफआईआर दर्ज कराना है. अब अवमानना याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट पहुंचना और कोई अपराध न हो यह सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम निर्णय प्राप्त करना आदत में आ गया है.’

नूंह हिंसा से जुड़ी याचिका पर पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा, ‘यह कोई विरोधात्मक याचिका नहीं है. आपके पास ऐसे भाषण मौजूद हैं जो धर्म के नाम पर व्यक्तियों के नरसंहार को उचित ठहराते हैं.’

पीठ ने इन मुद्दों पर दो सप्ताह की अवधि के बाद विचार करने पर सहमति जताई और कहा, ‘इस मुद्दे पर विचार की जरूरत है. हमारे मन में कुछ है. इस बीच, आप भी मिल-बैठकर कोई समाधान निकाल सकते हैं.’

अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में और बाद में इस साल जनवरी में इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हेट स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए कई निर्देश पारित किए थे. अदालत ने एक ऐसा तंत्र तैयार किया था, जिसके द्वारा शिकायत के अभाव में भी पुलिस उन व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर सकती है जहां नफरत फैलाने वाले भाषण दिए गए और यहां तक ​​कि यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम भी उठाए जा सकते हैं कि ऐसी घटनाओं को होने से पहले रोका जाए.

हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पुलिस को संवेदनशील होने की ज़रूरत है Reviewed by on . हरियाणा के नूंह जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आयोजित विरोध प्रदर्शनों के संबंध में अदालत 2 अगस्त को आए हरियाणा के नूंह जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आयोजित विरोध प्रदर्शनों के संबंध में अदालत 2 अगस्त को आए Rating: 0
scroll to top