
गौरतलब है कि प्रदेश के गृहमंत्री श्री बाबुलाल गौर ने 14 जिलों से चयनित 64 युवाओं के दल को देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा बाघा बार्डर एवं हुसैनीवाला (पंजाब) के लिए 28 जून, 2014 को टी.टी.नगर स्टेडियम से दल प्रभारी डी.एस.ओ. मण्डला श्री राजेश मनोध्या के नेतृत्व में झण्डी दिखलाकर रवाना किया।
जीवन की सबसे यादगार यात्रा
हुसैनीवाला और बाघा बाॅर्डर की यात्रा से लौटे युवाओं ने खेल संचालक श्री सिंह के समक्ष अपने अनुभव साझा किए। सतना के पंकज उरमलिया ने कहा कि अमर शहीद भगत सिंह की समाधि स्थल पर जाकर मुझे देशसेवा की प्रेरणा मिली है। छतरपुर के अवध शुक्ला ने बताया कि बाॅर्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के जांबाज जवानों द्वारा की जा रही देशसेवा की भावना से मै बहुत प्रभावित हूॅं और इस यात्रा से देशभक्ति के मेरे जज्बे में बढ़ोतरी हुई है। यात्रा के दौरान स्वर्ण मंदिर, जलियावाला बाग आदि स्थलांे के भ्रमण की सराहना करते हुए युवा पंचम मरावी ने बताया कि इस यात्रा ने हमें एकता, अखण्डता और देश भक्ति के लिए प्रेरित किया है। विजय कुमार यादव ने हुसैनीवाला और बाघा बाॅर्डर पर विषम परिस्थितियों में तैनात जवानों के कार्यों को स्तुत्य बताते हुए स्वयं सेना में जाने की इच्छा व्यक्त की। इसी तरह अन्य युवाओं ने भी अपने अनुभव शेयर करते हुए सरकार की ‘‘माँ तुझे प्रणाम’’ योजना को युवाओं के लिए शानदार पहल बताया। इस यात्रा से अभिभूत रीवा के राज राखन पटेल ने देश भक्ति पर केन्द्रित स्वरचित रचना सुनाकर इस अनुभव यात्रा को जीवन की अविस्मरणीय यात्रा बताया।
इस मौके पर युवाओं ने शहीदों के समाधि स्थल से लाई गई मिट्टी से खेल संचालक श्री व्ही.के. सिंह सहित अन्य अधिकारियों का तिलक किया। खेल संचालक श्री सिंह ने युवाओं को अपने अनुभव एक दूसरे से साझा करने के लिए प्रेरित किया।