सुल्तानपुर, 14 अक्टूबर – समुद्री तूफान हुदहुद का असर आंध्र प्रदेश और ओडिशा में तबाही मचाने के बाद उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद को झकझोर दिया। काले बादल देख पहले तो किसानों के चेहरे खिल उठे, लेकिन लगातार 24 घंटे हुई बारिश ने उन्हें भी चिंतित कर दिया। जिले के अन्य लोग भी बारिश के चलते समय से ऑफिस या अन्य गंतव्यों पर देर से पहुंच पाए। जिले में रविवार की रात मौसम ने अचानक करवट बदला और सोमवार को दोपहर तेज हवा के साथ हुई बारिश से धान के साथ अन्य फसलों को लाभ पहुंचा। पानी के आभाव में सूख रही धान की फसलों को एक बार फिर संजीवनी मिल गई, लेकिन जो धान की फसले तैयार थी उनके लिए काफी नुकसान साबित यह बारिश। बारिश के चलते मंगलवार को सड़कें कीचड़ से भर गईं।
लगातार बारिश ने आलू की बुआई करने वाले किसानों को चिंता में डाल दिया। जो किसान आलू की बुआई कर चुके थे, उनकी फसल बर्बाद हो गई तथा जो बुआई नहीं कर पाए थे, उनकी खेती एक महीने पिछड़ गई।
मंगलवार की सुबह से इतनी बारिश होती रही कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। कहीं पर पेड़ गिरे तो कहीं पर बिजली के पोल टूटकर जमीन पर आ गिरे। इससे जिले की विद्युत व्यवस्था भी चरमरा गई। हाईवे पर पेड़ गिर जाने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों को रूट बदल-बदलकर अपने गंतव्य स्थान तक जाना पड़ा।
खबर लिखे जाने तक शहर में बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई थी। वहीं बारिश और आंधी के कारण अमहट निवासी कल्बे अब्बास के मकान पर विशाल महुआ का पेड़ गिर गया, जिससे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई।