नूंह ज़िले की घटना के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों ने हिसार ज़िले के हांसी शहर में बीते 2 अगस्त को एक रैली निकाली थी, जिसमें मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार का आह्वान करने के साथ ही समुदाय के लोगों को दो दिनों में शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी.
चंडीगढ़: हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पों के बाद, राज्य के एक अन्य जिले में तनाव फैल गया है. यह स्थिति बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा निकाल गए एक मार्च के बाद बनी है, जिसमें मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और समुदाय के बहिष्कार का आह्वान किया गया.
यह घटना कथित तौर पर 2 अगस्त को सुबह लगभग 11 बजे हिसार जिले के हांसी शहर में हुई, जिसमें दक्षिणपंथी संगठनों के स्थानीय नेताओं द्वारा आयोजित एक जुलूस स्थानीय मुस्लिम आबादी के खिलाफ उन्माद में बदल गया.
घटना के 30 सेकेंड के वायरल वीडियो में एक नेता को स्थानीय मुस्लिम दुकानदारों का बहिष्कार करने का खुला आह्वान करते दिखते हैं और वीडियो में समुदाय को दो दिनों में शहर छोड़ने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कथित तौर पर कहा कि केवल हिंदू दुकानदार ही शहर में रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर मुस्लिम दुकानदार रुक गए तो वे अपनी किसमत खुद जिम्मेदार होंगे.
उनके भाषण के बाद नफरत भरी नारेबाजी हुई और भीड़ ने ‘देश के गद्दारों को गोली मारो **** को’ के नारे लगाए। वीडियो में मुसलमानों की हत्या का आह्वान करने वाले अन्य नारे भी सुने जा सकते हैं.
बताया गया कि नूंह जिले में अपने नेताओं पर हमले के ‘विरोध’ के लिए विहिप और बजरंग दल के स्थानीय नेताओं ने जुलूस निकाला था.
बताया गया है कि चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 12-15 अज्ञात लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काना) और 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर की सामग्री अज्ञात है क्योंकि इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
एसएचओ ने कहा कि चूंकि मामला संवेदनशील है, इसलिए एफआईआर को हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है.
घटना के बाद एसडीएम मोहित महाराणा ने किसी भी तरह की अप्रिया घटना को रोकने के लिए गुरुवार को स्थानीय हिंदू नेताओं के साथ एक बैठक भी बुलाई. टिप्पणी के लिए महाराणा से संपर्क नहीं हो सका.