शिमला, 20 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में बंदरों के उत्पात से निपटने के लिए राज्य का वन्यजीव विभाग अल्ट्रासोनिक तरंगों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।
शिमला, 20 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में बंदरों के उत्पात से निपटने के लिए राज्य का वन्यजीव विभाग अल्ट्रासोनिक तरंगों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।
ये अल्ट्रासोनिक तरंगें बंदरों को आबादी वाले स्थानों और पर्यटन स्थलों से दूर रखने में मददगार होंगी।
इस योजना के परीक्षण स्वरूप वन्यजीव विभाग शिमला के मॉल रोड इलाके में अल्ट्रासोनिक तरंगें छोड़ने वाली मशीन लगाने पर विचार कर रही है, जो शिमला आने वाले पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है।
प्रमुख वन्यजीव संरक्षक पी. एल. चौहान ने आईएएनएस को बताया, “शुरुआत में एक मशीन 15 दिनों के लिए लगाई जाएगी। यदि परिणाम अपेक्षित हुए, तो अलग-अलग स्थानों पर मशीनें लगाई जा सकती हैं।”
उन्होंने बताया कि मशीन लगाने से पहले विभाग स्वास्थ विशेषज्ञों की सलाह ले रहा है कि इन अल्ट्रासोनिक तरंगों का मनुष्यों पर तो कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा।
एक मशीन की लागत 20,000 रुपये के लगभग है, जिसके प्रभाव में 1,000 वर्ग फीट का इलाका आएगा। मशीन बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह 110 से 130 डेसिबल की ध्वनि उत्पन्न करती है, जो मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है।
शिमला नगर निगम के उप महापौर टिकेंदर पवार ने कहा कि हर महीने बंदरों द्वारा काटे जाने के 200 से ज्यादा मामले शिमला में देखे जाते हैं।
उन्होंने बताया, “कंपनी द्वारा बंदरों को दूर रखने का प्रस्ताव अस्थायी समाधान हो सकता है, जिससे 1,000 वर्ग फीट का इलाका सुरक्षित किया जा सकता है। पहले इसका परीक्षण किया जाएगा, उसके बाद ही मशीनें लगाने की मंजूरी दी जाएगी।”
शिमला में मॉल रोड, रिज, जाखू, टुटिकंडी, समर हिल, टुटु, बोलीगंज, छोटा शिमला, संजौली और खलिनी जैसे इलाकों में बंदरों द्वारा छीनाझपटी की घटनाएं आम हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने तो बंदरों से सुरक्षा के लिए अपने घरों के दरवाजे-खिड़कियों पर लोहे की जालियां लगवाकर घर को जेल जैसा बना लिया है।
पुलिस ने बताया कि पिछले साल नवंबर महीने में ममता सचदेवा नाम की एक महिला बंदरों के हमले से घबराकर बालकनी से कूद गई थी और उसकी मौत हो गई थी।
वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार 2013 में हुई गणना के अनुसार राज्य में 2,36,000 बंदर थे। वर्ष 2004 में इनकी संख्या 3,19,000 थी, इस तरह इसकी संख्या में गिरावट आई है।
एक आंकड़े के अनुसार, शिमला में करीब 1,400 बंदरों का डेरा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।