गत वर्ष दिसंबर में यहां के एक निजी अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई थी। इसमें एक ब्रेन डेड बच्ची का दिल रूसी बच्चे में प्रत्यारोपित किया गया था। अब वह बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है।
फोर्टिस मालार अस्पताल के फैकल्टी डायरेक्टर हरीश मणियान ने बताया, ‘जर्मनी-अमेरिका से निराश होने के बाद मॉस्को से नेल्ली कुदिर्यावत्सेव बेटे ग्लेब (2) के साथ यहां बड़ी उम्मीद लेकर आईं थीं। बच्चा रिस्टि्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी से पीडि़त था और हृदय प्रत्यारोपण ही एकमात्र इलाज था।’
अस्पताल के कार्डिक साइंसेस के निदेशक डॉ. केआर बालाकृष्णन ने बताया कि बेंगलुरु में एक ब्रेन डेड बच्ची के माता-पिता ने उसके अंगों को दान करने की इच्छा जताई। इसके बाद गत 19 दिसंबर को ग्लेब की सर्जरी की गई।
दुभाषिये के जरिये आभार प्रकट करते हुए नेल्ली ने बताया, ‘मेरे बेटे को नया जीवन मिला है। यह लगभग उसका दूसरा जन्म है। मैं बहुत खुश हूं और भारतीय चिकित्सकों को धन्यवाद देती हूं। ग्लेब मेरा भविष्य है।’ कहा, ‘सर्जरी के लिए मैं दो बार जर्मनी गई थी, लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ। जब शुभचिंतकों ने मुझे बताया कि अन्य देशों की तुलना में भारत में इलाज बहुत महंगा नहीं है, तो मैंने यहां आने का निश्चय किया।’
रसियन डिप्टी कौंसुल फॉर साउथ इंडिया जनरल एलेक्सी ओ वास्कोव ने कहा, ‘हम भारतीय चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के बहुत आभारी हैं, जिन्होंने इस बच्चे को नया जीवन दिया.. अब इसके सीने में एक भारतीय दिल धड़क रहा है।’
रेडिओ स्पुतनिक से