हैदराबाद, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)। हिंदू जनजागृति समिति (एचजेएस) ने आगामी हिंदी फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ पर प्रतिबंध की मांग की है। संगठन ने कहा है कि इसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
एचजेएस ने रविवार को कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और केंद्र सरकार के संस्कृति विभाग मेंशिकायत दर्ज कराई गई है और मांग की गई है कि यदि इसमें मौजूद विकृत इतिहास को नहीं हटाया जाता है तो इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ 18 दिसंबर को प्रदर्शित होगी। फिल्म में रणवीर सिंह मराठा योद्धा पेशवा बाजीराव के किरदार में हैं, दीपिका मस्तानी का किरदार निभा रही हैं और प्रियंका चोपड़ा उनकी पत्नी काशीबाई के किरदार में हैं।
एचजेएस ने कहा है कि ‘पींगा पींगा’ में काशीबाई और मस्तानी साथ-साथ नृत्य कर रही हैं, लेकिन पेशवा के समय में महिलाएं परिवार की इज्जत होती थीं और वे नृत्य प्रस्तुतियां नहीं देती थीं।
एचजेएस के तेलंगाना के समन्वयक चंद्रा मोगर ने कहा, “दोनों ने तलवार चलाया था और दुश्मनों को परास्त कर वीरता का प्रदर्शन किया था। लेकिन ऐसा लगता है कि भंसाली ने इन शाही परंपराओं का अध्ययन नहीं किया और उन्होंने सिर्फ बॉलीवुड की परंपराओं का पालन किया है।”
उन्होंने आशा जाहिर की कि भंसाली ने विकृत इतिहास का प्रदर्शन नहीं किया है बल्कि पेशावा के समय का सही इतिहास दिखाया है।