नई दिल्ली- भारतीय संस्कृति में रचे-बसे और स्त्रियोचित परिधानों पर जोर देने वाले मशहूर फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी कहते हैं कि वह ‘खूबसूरत परिधान’ बनाकर मानव काया की खूबसूरती का गुणगान करते रहेंगे।
सब्यसाची ने अमेजन इंडिया कोट्योर वीक (एआईसीडब्ल्यू)201 के मौके पर आईएएनएस को बताया, “मेरा हमेशा से यह फलसफा रहा है कि संभवत: अलग-अलग किस्म के लिबास और चलन आ-जा सकते हैं, लेकिन महिलाएं बस स्त्रियोचित, खूबसूरत और भव्य दिखना चाहती हैं।”
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डिजाइनर वैलेंटिनो का उदाहरण रखते हुए कहा, “उस ब्रांड ने साल दर साल उन महिलाओं के माध्यम से कारोबार किया, जो बेहद दिलकश और खूबसूरत दिखती हैं।”
सब्यसाची ने कहा, “मैंने कभी हमारे ब्रांड को प्रासंगिक बनाने के लिए खूबसूरती के विपरीत कुछ बनाने की जरूरत नहीं समझी। मैं चाहे कोट्योर (फैशनेबल कपड़े) हो या रेडी-टू-वियर मानव शरीर का गुणगान करने के लिए उन खूबसूरत लिबासों को बनाना जारी रखूंगा, जो महिला काया का गुणगान करते हैं और उन्हें सुंदर बनाते हैं।”
सब्यसाची ने अपनी पारंपरिक पोशाकों और तकनीक की बदौलत वैश्विक स्तर पर एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने अमेजन इंडिया कोट्योर वीक के आगाजी डिजाइनर के रूप में मंच पर कुछ ऐसा ही जादू चलाया।
सब्यसाची ने 1999 में अपना परिधान ब्रांड सब्यासाची शुरू किया। वह विद्या बालन, तब्बू, रानी मुखर्जी, ऐश्वर्य राय, शबाना आजमी, सुष्मिता सेन और करीना कपूर सहित कई चर्चित बॉलीवुड अभिनेत्रियों के लिए परिधान डिजाइन कर चुके हैं। रेनी जेल्वेगर और रीस विदरस्पून जैसी हॉलीवुड अभिनेत्रियां भी उनके ब्रांड के परिधान पहन चुकी हैं।
यह पूछे जाने पर कि आपने ब्रांड को इसके अनोखेपन के साथ कैसे आगे ले जाने की योजना बनाई है? उन्होंने निराश न करने का वादा किया।
सब्यसाची ने कहा, “मेरे ख्याल से बीते वर्षो में मेरे परिपक्व होने और बाजार प्रासंगिकता एवं अनुभव के मामले में ब्रांड के थोड़े और परिपक्व होने से हम महिलाओं के परिधानों को और भव्य एवं समृद्ध बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन साथ ही उस विशिष्टता को भी बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं, जो ब्रांड के रूप में हमारी पहचान है।”