मुंबई, 1 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय खानसामा संजीव कपूर कहते हैं कि हर भारतीय के घर की रसोई में पारंपरिक दाल-रोटी से हटकर कई नए-नए प्रयोग भी होते रहते हैं।
मुंबई, 1 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय खानसामा संजीव कपूर कहते हैं कि हर भारतीय के घर की रसोई में पारंपरिक दाल-रोटी से हटकर कई नए-नए प्रयोग भी होते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि बात चाहे इतालवी पास्ता में देसी स्वाद लाने की हो, या बटाटा वड़ा को भारतीय बर्गर के रूप में पेश करने की, भारतीय व्यंजनों के साथ प्रयोग करते रहते हैं।
टीवी कार्यक्रम ‘खाना-खजाना’ के मेजबान के रूप में देश की हर रसोई में पहचाने जाने लगे 50 वर्षीय संजीव कहते हैं कि अपने 20 वर्षो के करियर में उन्होंने भारतीय पाक कला में बदलाव की लहर देखी है।
संजीव ने आईएएनएस को बताया, “भारतीय पाक कला में कई बदलाव हुए हैं। टेलीविजन पर पाक कला से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों ने अपने पाक कौशल को अपने स्तर पर निखारा है। वे अपनी खुद की पाक विधियां विकसित करने लगे हैं। अब खानसामा भी नई विधियां प्रयोग करने में हिचकते नहीं हैं।”
उन्होंने टीवी रिएलिटी शो ‘मास्टर शेफ इंडिया’ के नए संस्करण की तैयारी के लिए आयोजित एक सत्र में कहा, “एक समय था, जब लोग दाल-रोटी तक ही खुश थे, लेकिन अब हर रसोई में नए नए प्रयोग होते हैं।”
मनोरंजन चैनल स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मास्टर शेफ इंडिया’ के जज संजीव ने कहा, “ऐसा नहीं है कि भारतीयों में सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों के प्रति उत्सुकता और लगाव बढ़ रहा है, बल्कि देश के अंदर भी अलग अलग-अलग क्षेत्र के व्यंजनों के प्रति बढ़ता लगाव देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर भारत में भी अब लोग डोसा और इडली पसंद करने लगे हैं।”
संजीव ने कहा कि अब व्यंजन क्षेत्रों के आधार पर बंटे नहीं रह गए हैं। जैसे कि पहले डोसा सिर्फ दक्षिण भारतीयों का पसंदीदा था, लेकिन अब दूसरे क्षेत्रों में भी लोग चाव से डोसा खाते हैं।
उन्होंने कहा, “किताबों, इंटरनेट, टेलीविजन, लोगों की उत्सुकता जैसे बहुत से कारणों से क्षेत्रीय व्यंजनों की विधियां दिन ब दिन परिष्कृत होती जा रही हैं।”
संजीव ने बताया, “अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन भी अब लोगों की पसंद बन गए हैं। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों को वैकल्पिक भोजन के रूप में देखा जाता था। लेकिन अब लोग इन्हें नियमित और मुख्य भोजन के रूप में भी अपनाने लगे हैं।”
पाक कला पर कई किताबें लिख चुके संजीव एक रेस्त्रां के मालिक भी हैं और ‘संजीव कपूर के किचन खिलाड़ी’ और ‘मास्टर शेफ इंडिया’ जैसे पाक कला आधारित टीवी कार्यक्रमों में भी नजर आ चुके हैं।
संजीव द्वारा विकसित व्यंजनों का लुत्फ कई शहरों में मौजूद उनके रेस्त्राओं में उपलब्ध ‘सिग्नेचर बाय संजीव कपूर’, ‘ब्रूकलीन शफल डिनर’, ‘ऑपशन बाय संजीव कपूर’, ‘सुरा वी’, ‘द येलो चिली’ और ‘खजाना’ में लिया जा सकता है।