नई दिल्ली- हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने के एक दिन पहले रविवार को मंडियों के आढ़ती हड़ताल पर चले गए। आढ़ती गेहूं के दाम का भुगतान सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित करने के खिलाफ हैं। वे गेहूं की खरीद की पूर्व व्यवस्था को बहाल रखने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा में गेहूं की खरीद में आढ़ती की अहम भूमिका होती है। इसलिए उनके हड़ताल पर जाने से सोमवार से शुरू होने जा रही गेहूं की सरकारी खरीद प्रभावित हो सकती है।
हरियाणा के समालखा स्थित अनाज मंडी के सुनील कुमार बंसल ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि रविवार से पूरे प्रदेश की मंडियों के आढ़ती हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंडियों में सोमवार को कोई भी आढ़ती किसानों का माल नहीं उतारेंगे क्योंकि वे हड़ताल पर होंगे।
बंसल ने कहा, “पहले की व्यवस्था में गेहूं का दाम खरीद एजेंसी किसानों को नहीं देकर आढ़ती को देते थे, लेकिन इस बार सरकार ने सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आढ़ती और किसानों के बीच काफी गहरा रिश्ता होता है और उनके बीच देन-लेन चलता रहता है, इसलिए वे चाहते हैं कि गेहूं खरीद की पूर्व की व्यवस्था को लागू रहने दिया जाए, जिसमें एजेंसी आढ़तियों के माध्यम से ही किसानों को फसल के दाम का भुगतान करती थीं।