चंडीगढ़, 26 फरवरी (आईएएनएस)। हरियाणा में नौ दिनों तक चले जाटों के हिंसक आंदोलन में मृतकों की संख्या 30 हो गई है। राज्य के पुलिस प्रमुख वाई. पी. सिंघल ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिंघल ने कहा कि 30 लोगों की जान गई है, जबकि हिंसक आंदोलन में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जाट समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने की मांग करने वाले आंदोलन ने राज्य का जनजीवन पंगु बना दिया था।
हिंसा से हरियाणा के कम से कम 10 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि 13 लोग झज्जर जिले में, आठ सोनीपत में, पांच रोहतक में, दो जींद और कैथल और हिसार जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
डीजीपी ने यह भी कहा कि हिंसक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने जो सेना बुलाई थी, उसकी प्रभावित इलाकों से वापसी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा, “राज्य में स्थिति सामान्य हो रही है। सभी रेल और राजमार्गों पर यातायात सामान्य हो गया है। सेना की वापसी चरणबद्ध ढंग से जारी रहेगी।”
उन्होंने बताया कि शुक्रवार तक 713 प्राथमिकियां दर्ज की गईं और 133 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, “आगजनी, साजिश रचने या तोड़फोड़ करने में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।”
उपद्रवियों ने आंदोलन के दौरान हिंसा में कई भवनों, निजी दुकानों, मॉल, शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों और शोरूम में आग लगा दी थी। सैकड़ों दुकानों को लूट लिया गया और उन्हें फूंक दिया गया।
एक व्यापार और उद्योग संस्था ने इस आंदोलन के कारण राज्य को करीब 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।
जाट हिसा में रोहतक सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। सैकड़ों दुकानों और अन्य प्रतिष्ठान, सरकारी एवं निजी इमारतें, शिक्षण संस्थान और निजी अस्पतालों को आग के हवाले कर दिया गया था और दुकानें लूट ली गई थीं।