हरारे, 12 जुलाई (आईएएनएस)। शीर्ष बल्लेबाजों के उम्दा प्रदर्शन और भुवनेश्वर कुमार (33/4) की अगुवाई में गेंदबाजों के संयुक्त प्रयास की बदौलत भारत ने हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर हुए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में जिम्बाब्वे को 62 रनों से हरा दिया। अजिंक्य रहाणे की अगुवाई में भारतीय टीम ने इस जीत के साथ ही तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।
भारत से मिले 272 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे टीम चामू चिभाभा (72) की संघर्षभरी पारी के बावजूद एक ओवर पहले ही 209 रन बनाने में धराशायी हो गई।
भारत के सर्वोच्च स्कोरर मुरली विजय (72) को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
भारत से मिले लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे ने सलामी बल्लेबाज वूशी सिबांदा (2), हैमिल्टन मसाकाद्जा (5) और कप्तान एल्टन चिगुंबरा (9) के विकेट जल्द ही गंवा दिए। इसके बाद चिभाभा ने सीन विलियम्स (20) के साथ चौथे विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की।
विलियम्स हालांकि अच्छी बन रही साझेदारी को और आगे ले जाने में असमर्थ रहे और अक्षर पटेल की गेंद पर 95 के कुल योग पर क्लीन बोल्ड हो पवेलियन लौट गए।
चिभाभा ने इसके बाद सिकंदर रजा (18) के साथ भी 35 रनों की साझेदारी निभाई। लेकिन 32वें ओवर में पहले चिभाभा दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए, फिर उसके बाद उसी ओवर में हरभजन सिंह ने रजा को भी विकेट के पीछे रोबिन उथप्पा के हाथों लपकवा दिया।
रिचमंड मुतुंबमी (32) और ग्रीम क्रेमर (27) ने सातवें विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी कर जिम्बाब्वे के संघर्ष को कुछ देर और जिंदा रखा, हालांकि उनके रहते भी जिम्बाब्वे की जीत के आसार बेहद कम लगने लगे थे।
जिम्बाब्वे का आखिरी के पांच ओवरों में आस्किंग रेट बढ़कर 19.25 हो गया था।
भुवनेश्वर के अलावा धवल कुलकर्णी, हरभजन सिंह, स्टुअर्ट बिन्नी और अक्षर पटेल ने एक-एक विकेट हासिल किए। रहाणे ने जिम्बाब्वे के दो बल्लेबाजों को रन आउट किया।
इससे पहले कप्तान अजिंक्य रहाणे (63) और मुरली विजय (72) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत भारत ने जिम्बाब्वे के सामने 272 रनों का लक्ष्य रखा।
भारत ने लगातार दूसरी बार टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में आठ विकेट पर 271 रन बनाए। इन दोनों के अलावा अंबाती रायडू ने 41, मनोज तिवारी ने 22, रोबिन उथप्पा ने 13, स्टुअर्ट बिन्नी ने 25 और केदार जाधव ने 16 रन बनाए।
अक्षर पटेल सिर्फ एक रन बना सके जबकि हरभजन सिंह पांच रनों पर नाबाद रहे। जिम्बाब्वे की ओर से नेवले मादविजा ने 49 रन देकर चार विकेट लिए जबकि ब्रायन विटोरी, डोनाल्ड तिरिपोनो, चामू चिभाभा और सिकंदर रजा को एक-एक सफलता मिली।
सबसे पहले रहाणे आउट हुए। रहाणे का विकेट 26वें ओवर की अंतिम गेंद पर गिरा। रहाणे ने कप्तान के तौर पर पहला अर्धशतक लगाया। उनकी 83 गेंदों की पारी में सात चौके शामिल हैं।
इसके बाद विजय और रायडू ने दूसरे विकेट के लिए 47 रन जोड़े। विजय का विकेट 159 के कुल योग पर गिरा। विजय ने अपने अब तक के वन करियर की सबसे बड़ी खेलते हुए 95 गेंदों का सामना कर एक चौका और दो छक्के लगाए।
विजय की विदाई के बाद रायडू और तिवारी ने तीसरे विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी। इन दोनों की साझेदारी के दौरान भारत ने 200 रनों का आंकड़ा पार किया।
रायडू 50 गेंदों पर तीन चौके लगाने के बाद 203 रनों के कुल योग पर आउट हुए। तिवारी का विकेट 233 रनों पर गिरा। तिवारी ने 26 गेंदों पर एक छक्का लगाया।
उथप्पा का विकेट 233 रनों पर गिरा। इसके बाद बिन्नी और जाधव ने छठे विकेट के लिए 34 रनों की साझेदारी की। पहले मैच में अर्धशतक लगाने वाले बिन्नी ने 16 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
बिन्नी का विकेट 264 रनों पर गिरा। इसके बाद भारत ने 266 रनों पर जाधव और 269 रनों पर पटेल के विकेट गंवाए। भारत ने अंतिम पांच ओवरों में बेशक 8.60 के औसत से 43 रन बटोरे लेकिन उसने इस दौरान चार विकेट भी गंवाए।
बहरहाल, इस मैच की खास बात यह है कि राहाणे और विजय की जोड़ी जिम्बाब्वे में भारत की ओर से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली का रिकार्ड तोड़ने से चूक गई।
रहाणे और विजय ने हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर पहले विकेट के लिए 112 रन जोड़े। जिम्बाब्वे में भारत की ओर से पहले विकेट के लिए 133 रनों का रिकार्ड सचिन और गांगुली के नाम है। इन दोनों ने 2001 में वेस्टइंडीज के खिलाफ यह रिकार्ड कायम किया था।
रहाणे और विजय हालांकि जिम्बाब्वे में खेलते हुए उसी के खिलाफ पहले विकेट के लिए सबसे अधिक रन बनाने का रिकार्ड बनाने में सफल रहे। इससे पहले यह रिकार्ड वीरेंद्र सहवाग और सचिन के नाम था। दोनों ने 2003 में पहले विकेट के लिए 99 रन जोड़े थे।
हरारे में भारत की ओर से पहले विकेट के लिए की गई पांच बड़ी साझेदारियों में से चार में गांगुली, सचिन और सहवाग शामिल रहे हैं।
श्रृंखला का तीसरा और आखिरी एकदिवसीय इसी मैदान पर 14 जुलाई को होगी।