लंदन, 6 जून (आईएएनएस)। हम अक्सर किसी उम्मीद के बिना दूसरों की मदद करते हैं कभी सोचा है क्यों? एक नए अध्ययन के अनुसार इसके लिए हम एक खास जैविक प्रक्रिया का धन्यवाद कर सकते हैं जो हमें एकजुट रहने के लिए प्रेरित करता है।
पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन की एक शोधकर्ता क्रिस्टीना मार्कवेज के अनुसार, “हम किसी वृद्ध को सड़क पार कराने के लिए कभी संकोच नहीं करते इसी को समाजिक व्यवहार कहा जाता है।”
सामाजिक व्यवाहर का अध्ययन करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों के व्यवहर का अध्ययन किया।
इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि सामाजिक व्यवहार परोपकारी कृत्य से बिल्कुल अलग है।
माकर्वेज ने बताया, “अपने प्रयोग में हमने चूहों की जोड़ी को अलग-अलग भूमिका दी। इसमें एक को मदद करने वाले जबकि दूसरे को उसके साझीदार के तौर पर भूमिका दी गई। मदद करने वाला विकल्प तलाशने के लिए स्वतंत्र था।”
माकर्वेज ने बताया कि प्रयोग को तौर पर एक विकल्प में एक चूहे के लिए दरवाजा खुला हुआ था जहां खाने का इनाम खुद को ही दिया जाना था। वहीं, दूसरे विकल्प के तौर पर दूसरा दरवाजा खुला हुआ था, जहां दोनों चूहों के लिए भोजन रखे थे।
इस प्रयोग में शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर चूहे दूसरे विकल्प की ओर आकर्षित हुए।
मार्कवेज के अनुसार 15 चूहों में से केवल एक ने पहले विकल्प पर गौर किया।
तो इसका मतलब है कि चूहे भी मनुष्य के उच्च सिद्धांत का पालन करते हैं, या मनुष्य चूहों के साथ कुछ बुनियादी सामाजिक सिद्धांत साझा करते हैं?
इस शोध का नेतृत्व करने वालीं मार्ता मोइटा का कहना है कि सामाजिक होना चूहों और मनुष्यों के लिए कई स्थिति में लाभाकारी है। साधारण जैविक प्रक्रिया जैसे जब समूूह के सदस्य पुरस्कार प्राप्त करते हैं तो साकारात्मक भाव या दूसरे के लिए संवेदनशील होना आदि बातों से व्यक्तिगत लाभ भी हो सकता है।