भोपाल, 10 मई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, नक्सली पहले भारतीय संविधान को मानें और हथियार छोड़ें उसके बाद ही उनसे बात हो सकती है।
भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के समर्थन में प्रचार करने आए बघेल ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ की सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में भरोसा पैदा करना चाहती है, उन्हें रोजगार देने के साथ ही अन्य समस्याओं का समाधान करने पर जोर दे रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए आने वाली राशि में बंदरबांट को रोका गया है।”
उन्होंने कहा, “जहां तक नक्सलियों से बातचीत की बात है, वर्तमान हालातों के मद्देनजर उनसे बातचीत करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता, पहले नक्सली भारतीय संविधान पर भरोसा करें, हथियार छोड़ें उसके बाद ही उनसे बातचीत संभव है।”
उन्होंने आगे कहा, “नक्सली पहले विचारधारा की बात करते थे, मगर अब वे लोगों को धमकाने और वसूली करने में लगे हैं। इसलिए सरकार वहां के निवासियों में सरकार के प्रति विश्वास पैदा करने की कोशिश में लगी है। पहले आदिवासी विकास के लिए मिलने वाली धन राशि को लिफ्ट लगाने, हवाई पट्टी बनाने पर खर्च कर दिया जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। पहले आदिवासियों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा, उसके बाद आदिवासी, गैर आदिवासी, सामाजिक कार्यकर्ता से बातचीत करेंगे।”
भाजपा और खासकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा बघेल सरकार पर बदलापुर की कार्रवाई का आरोप लगाए जाने के प्रश्न पर बघेल ने कहा, “झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हमला हुआ था, जिसमें विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल सहित कई नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया था। यह षड्यंत्र के तहत किया गया नक्सली हमला था, इस पर राज्य सरकार जांच कराना चाहती है, वर्तमान में यह जांच एनआईए कर रही है। केंद्र सरकार इस जांच को राज्य सरकार को नहीं सौंप रही है। वहीं, नान घोटाले में उन लोगों पर तो कार्रवाई हो गई, जिनसे पैसा आया था, मगर जिनके नाम सामने आए हैं, मसलन मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री की पत्नी आदि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।”
छत्तीसगढ़ में आगामी लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिलेगी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला केंद्र और प्रदेश की तत्कालीन रमन सरकार से था। तब कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिली थी, आज स्थिति अलग है। राज्य में कांग्रेस सरकार है और लोगों में केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी है।”
छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की उपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल पर बघेल ने तंज कसते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ के जोगी और केंद्र में नरेंद्र मोदी के बीच बहुत समानता है, दोनों ही लच्छेदार भाषण देते हैं, जो भी उन्हें पहली बार सुनता है, वह प्रभावित हो जाता है। दोनों के पास अमित (अमित शाह व अमित जोगी) है और दोनों ही हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं। दोनों में समानता है, इसलिए छत्तीसगढ़ में जो जोगी की हालत हुई वही हालत देश में मोदी की होगी।”