मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने गुरुवार को कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने में अकादमिक अनुसंधान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) देश के स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी तमाम समस्याओं के हल में मददगार साबित हो सकता है।
नड्डा ने यह बात मुंबई में आयोजित स्वास्थ्य विज्ञान नवाचार सम्मेलन के मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कही। सम्मेलन का विषय था, ‘एच3सी : स्वास्थ्य- देखभाल, करियर और वाणिज्य।’
स्वास्थ्य मंत्री ने पुनरुत्पादक औषधि के क्षेत्र में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बीच हुए समझौते की सराहना की। उन्होंने जानकारी दी कि देश का पहला पुनरुत्पादक औषधि केन्द्र एम्स में शुरू किया गया है और इसके लिए ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के पुनरुत्पादक औषधि एवं कोशिका आधारित उपचार केन्द्र (सीआरएमसीबीटी) के साथ समझौता किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस तरह के उपक्रमों से देश में स्वास्थ्य आधारित शोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जन-केंद्रित एवं मानवता को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह के शोध होने चाहिए।
उन्होंने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्रों, शोधकतरओ और संकाय सदस्यों से भारतीय विश्वविद्यालयों एवं स्वास्थ्य संस्थानों के साथ स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर शोध करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विशाल है और यहां संक्रामक एवं गैर-संक्रामक रोगों का दबाव अधिक है, लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधनों-चिकित्सकों, विशेषज्ञों और परा-चिकित्सकीय कर्मियों- की कमी के कारण अभी भी अनेक चुनौतियां हैं।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए वह ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और ऐसी अन्य अकादमिक संस्थानों के एक साथ मिलकर काम करने को लेकर काफी आशान्वित हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ भारत के संबंध पुराने हैं। उन्होंने देश में हरित क्रांति लाने में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की भूमिका के बारे में भी बताया।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. मिशेल ड्रेक व प्रोफेसर चंदन सेन तथा एम्स (नई दिल्ली) के निदेशक डॉ. एम सी मिश्रा सम्मेलन में उपस्थित थे। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में अमेरिका से 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे तथा इसमें करीब 60 तकनीकी सत्र होंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।