नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन-सी की खुराक लेने से मधुमेह रोगियों को दिनभर में बढ़ा हुआ रक्त शर्करा स्तर कम करने में मदद मिल सकती है। शोध में यह भी पाया गया है कि विटामिन-सी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में रक्तचाप को कम करता है, जिससे हृदय की हालत अच्छी रहती है।
नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन-सी की खुराक लेने से मधुमेह रोगियों को दिनभर में बढ़ा हुआ रक्त शर्करा स्तर कम करने में मदद मिल सकती है। शोध में यह भी पाया गया है कि विटामिन-सी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में रक्तचाप को कम करता है, जिससे हृदय की हालत अच्छी रहती है।
सच तो यह है कि शारीरिक गतिविधि, अच्छा पोषण और मधुमेह की दवाएं मानक देखभाल तथा टाइप-2 मधुमेह प्रबंधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, कुछ लोगों को दवा के साथ भी अपने रक्त शर्करा के स्तर का प्रबंधन करना मुश्किल हो सकता है।
यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत में डायबिटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर चार लोगों में से एक (25.3 प्रतिशत) को वयस्क टाइप 2 मधुमेह है। यह स्थिति आदर्श रूप में मधुमेह, मोटापा, अस्वास्थ्यकर आहार और निष्क्रियता के पारिवारिक इतिहास वाले केवल बड़े वयस्कों को होनी चाहिए।
टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्ति में, शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता है और इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध कहा जाता है। अग्न्याशय या पेंक्रियास पहले इसके लिए अतिरिक्त इंसुलिन बनाता है। हालांकि, समय के साथ, यह रक्त शर्करा को सामान्य स्तर पर रखने के लिए पर्याप्त नहीं बना पाता है। हालांकि इस स्थिति के लिए सटीक ट्रिगर ज्ञात नहीं है, टाइप 2 मधुमेह कारकों के संयोजन का एक परिणाम हो सकता है। कुछ ट्रिगर आनुवंशिक रूप से इस स्थिति के लिए पूर्वनिर्धारित हो सकते हैं।
मोटापे के पारिवारिक इतिहास वाले लोग इंसुलिन प्रतिरोध और मधुमेह के विकास के जोखिम में हैं। जो लोग मोटे हैं, उनके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता पर दबाव बढ़ जाता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है। किसी व्यक्ति के शरीर में जितना अधिक वसायुक्त ऊतक होते हैं, उसकी कोशिकाएं उतनी ही अधिक प्रतिरोधी होती हैं। जीवनशैली कारकों की भी इसमें प्रमुख भूमिका होती है।
टाइप 2 मधुमेह के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं। उनमें से कुछ में प्यास और भूख में वृद्धि, बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होना, वजन कम होते जाना, थकान, धुंधली दृष्टि, संक्रमण और घावों का धीमी गति से भर पान तथा कुछ क्षेत्रों में त्वचा का काला पड़ना शामिल हैं।
स्वस्थ आहार आम तौर पर अस्वास्थ्यकर आहार की तुलना में अधिक महंगा होता है। कम पोषक तत्वों वाले सस्ते भोजन की व्यापक उपलब्धता से टाइप 2 मधुमेह की वैश्विक महामारी में इजाफा होता है। सब्जियों, ताजे फलों, साबुत अनाजों और असंतृप्त वसा जैसे टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने वाले खाद्य पदार्थों की व्यापक रूप से उपलब्धता और दाम कम किये जाने की आवश्यकता है।
नुकसान कम करने के कुछ उपाय :
व्यायाम अधिक से अधिक करें। व्यायाम से विभिन्न लाभ होते हैं, जिनमें वजन बढ़ना, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना और अन्य स्थितियां शामिल हैं। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि बहुत फायदेमंद है।
सेहतमंद भोजन खाएं। साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है। रेशेदार भोजन यह सुनिश्चित करेगा कि आप लंबी अवधि के लिए पेट भरा महसूस करें और किसी भी तरह की तलब को रोकें। जितना हो सके, प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड से बचें।
शराब के सेवन को सीमित करें और धूम्रपान छोड़ दें। बहुत अधिक शराब वजन बढ़ाने की ओर ले जाती है और आपके रक्तचाप और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकती है। पुरुषों को दो ड्रिंक प्रतिदिन और महिलाओं को एक ड्रिंक प्रतिदिन तक सीमित रखना चाहिए। धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने वालों की तुलना में मधुमेह का दोगुना रिस्क रहता है। इसलिए, इस आदत को छोड़ना एक अच्छा विचार है।
अपने जोखिम कारकों को समझें। ऐसा करना आपको जल्द से जल्द निवारक उपाय करने और जटिलताओं से बचने में मदद कर सकता है।
(पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं)