दिल्ली/चेन्नई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक के मैसूर शहर और तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को लागू करने में सबसे आगे रहे हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस अभियान को बेहतर ढंग से संचालित करने वाले 476 शहरों की जारी सूची में मैसूर को पहला और तिरुचिरापल्ली को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
स्वच्छ भारत की रैंकिंग के तहत शीर्ष 100 में भारत के दक्षिणी राज्यों के 39 शहरों को जगह मिली है, जिसके बाद पूर्वी राज्यों के 27 शहर हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सूची में प्रथम 10 स्थानों पर मैसूर और तिरुचिरापल्ली के अलावा नवी मुंबई, कोच्चि, हासन, कर्नाटक के बेंगलुरू व मांड्या, तिरुवनंतपुरम, पश्चिम बंगाल का हालिसहर और गंगटोक शामिल हैं।
तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 350 किलोमीटर दूर है। चेन्नई को 20वां स्थान मिला है।
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एक लाख की आबादी वाले 31 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के सभी 476 प्रथम श्रेणी के शहरों में स्वच्छता के सभी मापदंण्डों का सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वेक्षण मंत्रालय द्वारा ‘2008 राष्ट्रीय स्वच्छता नीति’ के तहत आवश्यक तौर पर साल 2014-15 में किया गया।
मंत्रालय के मुताबिक, “शीर्ष 100 में दक्षिण राज्यों के 27, पश्चिमी राज्यों के 15, उत्तरी राज्यों के 12 तथा पूर्वोत्तर राज्यों के सात शहर शामिल हैं।”
राष्ट्रीय स्वच्छता नीति 2008 के तहत यह सर्वेक्षण साल 2014-15 के दौरान किया गया, जिसे मंत्रालय ने शुरू किया था।
बयान के मुताबिक, “देश के 476 शहरों में किए गए सर्वेक्षण में कर्नाटक के मैसूर शहर ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और इसी राज्य के तीन और शहर शीर्ष 10 में हैं। शीर्ष 100 में पश्चिम बंगाल के 25 शहरों/कस्बों को जगह मिली है।”
रैंकिंग के मुताबिक, 27 राजधानियों में 15 शीर्ष 100 में रहे, जबकि पांच का स्थान 300 से भी नीचे है। राजधानियों में बेंगलुरू का सातवां स्थान है, जबकि पटना सबसे नीचे 429वें स्थान पर है।
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 100 शहरों में उत्तरी राज्यों के 74, पूर्वी राज्यों के 21, पश्चिमी राज्यों के तीन तथा दक्षिणी राज्यों के 2 शहर शामिल हैं।
दामोह (मध्य प्रदेश) सबसे निचले पायदान (476) पर रहा, जिसके बाद भिंड (मध्य प्रदेश), पलवल एवं भिवानी (हरियाणा), चित्तौड़गढ़ (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), नीमच (मध्य प्रदेश), रेवाड़ी (हरियाणा), हिंदौन (राजस्थान) तथा संबलपुर (उड़ीसा) हैं।
स्वच्छ भारत अभियान का क्रियान्वयन शहरी इलाकों में किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य खुले में शौच की समस्या के उन्मूलन के लिए शौचालय का निर्माण व घर-घर जाकर ठोस कचरे का संग्रह तथा निपटान है। एक लाख की आबादी वाले 31 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के सभी 476 प्रथम श्रेणी के शहरों में स्वच्छता के आधार पर रैंकिंग को अंजाम दिया गया है।