नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। पर्यावरण समूह ग्रीनपीस ने बुधवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) के साथ मिलकर स्वच्छ ऊर्जा पर एक रपट जारी की।
इस रपट में सौर ऊर्जा प्रणाली के इस्तेमाल से दिल्ली की अंधेरी गलियों में रोशनी लाने का सुझाव दिया गया है, जो खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने शहर के अंधेरे स्थलों का अंधियारा दूर करने की योजना को प्राथमिकता देने की बात कही थी। एनआईयूए ने ग्रीनपीस के साथ मिलकर एक खाका तैयार किया है कि कैसे सरकार अपने वादे पूरा कर सकती है।
ग्रीनपीस की जलवायु व ऊर्जा कैंपेनर पुजारिनी सेन ने कहा, “भारत में विकास संबंधी चुनौतियों का रचनात्मकता से समाधान करने की जरूरत है। ग्रीनपीस द्वारा दीर्घकालिक स्ट्रीट लाइटिंग के लिए पेश प्रस्ताव एक रचनात्मक सुझाव है। यह न सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मसला है, बल्कि इससे दिल्ली के करदाताओं के पैसे भी बचेंगे और एक गैर-प्रदूषणकारी समाधान भी साबित होगा।”
रपट के बारे में सेन ने कहा, “सभी 700 अंधेरी गलियों को सौर स्ट्रीट प्रणाली से रौशन करने पर सरकार को सिर्फ 10 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम से दिल्ली के अक्षय खरीद दायित्व लक्ष्य को पूरा करने में छह प्रतिशत मदद मिलेगी, जिसे केन्द्र सरकार के स्मार्ट सिटी योजना में भी लागू किया जा सकता है।”
उल्लेखनीय है कि ग्रीनपीस ने 2013 में ‘स्विच ऑन द सन’ नाम से छतों के लिए सौर योजना शुरू की थी, जिसे व्यापक समर्थन हासिल हुआ। इस अभियान का नतीजा था कि डीईआरसी ने सार्वजनिक रूप से नेट मीटरिंग नीति को पिछले साल लागू किया है।