विश्वजीत चौधरी
विश्वजीत चौधरी
नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। आस्ट्रेलियाई प्रांत दक्षिण आस्ट्रेलिया में विश्व का लगभग एक-चौथाई यूरेनियम भंडार है। आस्ट्रेलिया का यह प्रांत स्वच्छ ऊर्जा और जल की आपूर्ति बढ़ाने में भारत की मदद करने को उत्सुक है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के निवेश, व्यापार और रक्षा उद्योग मंत्री मार्टिन हैमिल्टन-स्मिथ ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “दक्षिण आस्ट्रेलिया के पास विश्व का 23 फीसदी से अधिक यूरेनियम मौजूद है और हम स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में ईंधन की जरूरत को देखते हुए भारत को इसकी आपूर्ति करना चाहते हैं।”
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट के नई दिल्ली दौरे के दौरान सितंबर में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग को लेकर समझौता हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया के पास दुनिया का सबसे विशाल यूरेनियम भंडार है, जिसका 80 फीसदी हिस्सा दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में मौजूद है।
हैमिल्टन-स्मिथ ने कहा, “हम आपूर्ति की शुरुआत की दिशा में सरकारी मध्यस्थों द्वारा प्रशासनिक प्रबंध किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद समझौता होने पर ऑस्ट्रेलिया भारत को यूरेनियम की आपूर्ति कर सकता है।”
देश के प्रवेश द्वार पर स्थित और भौगोलिक रूप से भारत से समानता रखने वाला दक्षिण ऑस्ट्रेलिया जल प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साझा करने की दिशा में उत्सुक है।
हैमिल्टन-स्मिथ ने कहा, “जल और इसका प्रबंधन दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और जीवनशैली में महत्वपूर्ण है और जल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य विश्व स्तरीय निर्यातक बन चुका है।”
उन्होंने 13 से 17 जनवरी के बीच आयोजित ‘इंडिया वाटर वीक’ में शिरकत की और केंद्रीय जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात के दौरान ऑस्ट्रेलियाई सेवा का प्रस्ताव रखा।
मार्टिन गंगा पुनरुद्धार की कार्य योजना की तैयारी में भागीदारी और ऑस्ट्रेलियाई कंपनी की भूमिका की संभावना तलाश रहे हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “दक्षिण ऑस्ट्रेलिया स्वच्छ ऊर्जा योजना का हिस्सा बनने को उत्सुक है, क्योंकि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी प्रिय योजना है।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।