Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 स्मृति ने अमेठी में इस तरह गढ़ी जीत की कहानी! | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » स्मृति ने अमेठी में इस तरह गढ़ी जीत की कहानी!

स्मृति ने अमेठी में इस तरह गढ़ी जीत की कहानी!

लखनऊ, 24 मई(आईएएनएस)। गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में भाजपा के पास चली गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 55,120 वोटों से परास्त कर इस सीट पर भगवा परचम लहरा दिया है।

लखनऊ, 24 मई(आईएएनएस)। गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में भाजपा के पास चली गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 55,120 वोटों से परास्त कर इस सीट पर भगवा परचम लहरा दिया है।

केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस सीट से दूसरी बार प्रत्याशी थीं। राहुल गांधी यहां से चौथी बार चुनाव मैदान में थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने स्मृति को 1,07,000 वोटों के अंतर से हराया था। गांधी को 408,651 वोट मिले थे, जबकि ईरानी को 300,748 वोट मिले थे। इस बार स्मृति ने बाजी पलट दी।

सवाल उठता है कि आखिर स्मृति ने ये किया कैसे? स्मृति ने इसके लिए पूरे पांच साल मेहनत की, और एक-एक व्यक्ति को जोड़ने और एक-एक वोट को सहेजने का काम किया।

अमेठी की राजनीतिक जानकार तारकेश्वर कहते हैं, “स्मृति ईरानी का अमेठी से लगातार जुड़ाव उन्हें जीत के द्वार पर खड़ा करता है। राहुल का जनता से दूर होना उन्हें हराता है। 2014 का चुनाव हारने के बाद स्मृति ईरानी यहां लगातार सक्रिय रहीं। उन्होंने गांव-गांव में प्रधानों और पंचायत सदस्यों को अपने साथ जोड़ा। यह उनके लिए कारगर साबित हुआ। हर सुख-दु:ख में अमेठी में सक्रिय रहना उन्हें राहुल से बड़ी कतार में खड़ा करता है।”

उन्होंने बताया, “कांग्रेस का जिले में संगठन ध्वस्त हो गया था। राहुल महज कुछ लोगों तक ही सीमित रहे। यही कारण है कि चुनाव हार गए। वह पांच सालों में जनता से जुड़ नहीं पाए हैं।”

तारकेश्वर बताते हैं, “स्मृति ईरानी ने तीन अप्रैल को टिकट मिलने के बाद से ही गांव-गांव जाकर प्रचार किया है। उन्होंने एक दिन में 15-15 जनसभाएं की हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस से नाराज लोगों को भी भाजपा ने अपने पाले में ले लिया। इसलिए इन्हें फायदा मिला। प्रधान, पूर्व प्रधान, कोटेदार सबको अपनी तरफ मिलाने का प्रयास किया है। सपा और बसपा का वोट राहुल गांधी को ट्रांसफर नहीं हो पाया, यह भी राहुल की हार का एक बड़ा कारण था।”

आमतौर पर बाकी पार्टियां कांग्रेस को इस सीट पर वाकओवर देती आई हैं। लेकिन 2014 में भाजपा ने यहां से स्मृति ईरानी को उतारकर मुकाबले को काफी रोमांचक बना दिया, और इस बार उसने सीट पर कब्जा कर लिया।

तारकेश्वर ने कहा, “केन्द्रीय योजनाएं शौंचालय, आवास योजनाओं का लाभ भी बहुत सारे लोगों को मिला है। सम्राट साइकिल का मुद्दा भी कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बना है। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कई बार जोर-शोर से उठाया।”

संग्रामपुर के रमेश कहते हैं, “रोजगार अमेठी की बड़ी समस्या है। इस कारण लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। इस बार राहुल गांधी ने ध्यान नहीं दिया। राजीव गांधी के समय शुरू की गई कई परियोजनाएं और कार्यक्रम राहुल के सांसद रहते एक एक करके बंद होते गए। इससे हजारों लोगों की रोजी-रोजगार पर असर पड़ा। इस पर ही अगर वह ध्यान दे लेते तो शायाद इतनी परेशानी न उठानी पड़ती।”

संग्रामपुर के ही एक बुजुर्ग रामखेलावन कहते हैं, “जो प्यार हमें राजीव गांधी से मिला, शायद उनकी यह पीढ़ी हमें नहीं दे पाई है। ये हम लोगों की तरफ देखते भी नहीं हैं।”

जामों ब्लॉक के चिकित्सक सुजीत सिंह राहुल के कार्यकाल में क्षेत्र की बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा, “राजीव गांधी जीवन रेखा एक्सप्रेस वर्ष में एक माह अमेठी के लिए आती थी। इसमें सारी चिकित्सा टीम होती थी, जो गरीबों का उपचार करती थी। यहां तक कि बड़े-बड़े आपरेशन भी होते थे। यह योजना सालों से बंद है, और इसे शुरू कराने के लिए राहुल ने कोई उचित कदम नहीं उठाए हैं।”

गौरीगंज के रामदीन कहते हैं, “राजीव गांधी के समय के पुराने और निष्ठावान कांग्रेसी धीरे-धीरे पार्टी से दूर होते चले गए। जबकि सच्चाई यह है कि ये लोग ही पार्टी के चुनाव अभियान की पूरी कमान संभालते थे। अगर ये लोग साथ होते तो शायद नतीजे राहुल के पक्ष में नजर आते।”

सिंहपुर के किसान फगुना की अपनी अलग व्यथा है। उन्होंने कहा, “राजीव गांधी ने सम्राट बाइसिकिल्स नामक कंपनी बनाकर हम जैसे कई किसानों की मदद की थी। लेकिन उनके बाद फैक्ट्री घाटे में चली गई और उसे बंद कर दिया गया। कर्ज के कारण कंपनी की जमीन नीलाम हो गई। इस जमीन को राजीव गांधी चौरिटेबिल ट्रस्ट ने खरीद लिया। ट्रस्ट में राहुल गांधी ट्रस्टी हैं और किसानों को जमीन लौटाने की मांग को लेकर स्मृति ईरानी ने पांच साल तक लड़ाई लड़ी। स्मृति के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमीन लौटाने का वादा किया है। इसी आशा से हम किसानों का झुकाव उस ओर हो गया है।”

अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अमेठी जिले की तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीटें शामिल हैं। जबकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट भी अमेठी में आती है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से चार पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी और महज एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) को मिली थी।

अमेठी लोकसभा सीट को कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता रहा है। इस सीट पर इससे पहले 16 चुनाव और दो उपचुनाव हुए हैं। इनमें से कांग्रेस ने यहां 16 बार जीत दर्ज की है। 1977 में लोकदल और 1998 में भाजपा को यहां से जीत मिली थी। यहां से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी सांसद रहे हैं और अब यह सीट स्मृति की हो गई है।

स्मृति ने अमेठी में इस तरह गढ़ी जीत की कहानी! Reviewed by on . लखनऊ, 24 मई(आईएएनएस)। गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में भाजपा के पास चली गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। भाजपा लखनऊ, 24 मई(आईएएनएस)। गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में भाजपा के पास चली गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं। भाजपा Rating:
scroll to top