नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को आदेश दिया कि विमानन कंपनी स्पाइसजेट के छह विमानों का संचालन रोक दिया जाए, जिनके बकाए किराए का कंपनी ने भुगतान नहीं किया है। कंपनी ने हालांकि कहा कि वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बात कर रही है।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने डीजीसीए को यह भी कहा कि इन विमानों को वापस मालिकों के पास भेजे जाने की आयरलैंड की कंपनियों की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर फैसला लिया जाए।
विमान किराया पर देने वाली वैश्विक कंपनी एडब्ल्यूएएस आयरलैंड और विलमिंगटन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज (डबलिन) की याचिका पर अदालत का आदेश आया है।
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, “हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और यदि परामर्श मिला तो हम इस मुद्दे का ऊपरी अदालत में उठाएंगे। विमान किराया पर देने वाली कंपनियों से बात जारी है और जल्द ही मुद्दे को सुलझा लिए जाने की उम्मीद है।”
उल्लेखनीय है कि कंपनी के संस्थापक अजय सिंह ने वापस कंपनी की कमान संभाल ली है और एक करोड़ डॉलर बकाए का भुगतान किया है। कंपनी ने कहा है कि बोइंग बी737 विमानों के मालिकों को शेष बकाया भी जल्द ही निपटा दिए जाने की उम्मीद है।
कंपनी गत वर्ष संकट में घिर गई थी और उससे बाहर निकलने की कोशिश कर रही है।
सिंह और उनके साथियों ने चेन्नई के सन समूह के मालिक मारन परिवार से 53.5 फीसदी हिस्सेदारी वापस खरीद ली है, जिसे उन्होंने पहले मारन परिवार को बेच दिया था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज में स्पाइसजेट के शेयर 4.40 फीसदी गिरावट के साथ 21.75 रुपये पर बंद हुए।