भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि स्कूल चलें हम अभियान जन-जन से जुड़ा अभियान है। समाज के सहयोग से इसे जन-आन्दोलन बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने नागरिकों से अभियान में उत्साह से भागीदारी करने का आग्रह किया। अभियान का शुभारंभ 16 जून से हो रहा है। जिलों में जिला कलेक्टर अभियान की गतिविधियों का समन्वय करेंगे। जन-प्रतिनिधि, समाजसेवी इसका नेतृत्व करें। इस वर्ष का अभियान ‘शैक्षणिक गुणवत्ता’ को समर्पित होगा।
आज यहां मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से अभियान की रूपरेखा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित प्रदेश ही समृद्ध प्रदेश की बुनियाद है। हर बच्चे को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार के साथ पूरे समाज की भी है। समाज के सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा। सामाजिक, संगठन, उद्योगपति, व्यापारी, दानदाता संस्थाओं के विशेष सहयोग से गाँवों को गोद लिया जा सकता है।
श्री चौहान ने कहा कि स्कूल जाने योग्य कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे और पहली कक्षा में प्रवेश के बाद 12वीं कक्षा तक अनिवार्य रूप से पढ़ाई पूरी करे। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है उनके लिये विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर छात्रावास सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान को गति देने समाज के सभी लोग, संस्थाएँ, जन-प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठन, गणमान्य नागरिक, धर्मगुरू प्रेरक के रूप में अभियान से जुड़ें। शिक्षित प्रदेश बनाने के प्रति संवेदनशील हर व्यक्ति इस अभियान में प्रेरक बन सकता है। उन्होंने कहा कि विकास खण्ड स्तर पर 12 जून को प्रेरकों का सम्मेलन होगा। अच्छा काम करने वाले प्रेरकों को प्रशंसा-पत्र देकर पुरस्कृत किया जायेगा। प्रेरक बनने के लिये 0755-2570000 फोन पर मिस्ड काल देकर पंजीयन करवाया जा सकता है। अब तक 71 हजार प्रेरक इस अभियान से जुड़ चुके हैं। उन्हें 12 जून को अभियान की रूपरेखा के अनुसार प्रशिक्षण दिया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि 16 जून को प्रदेश भर में ‘प्रवेशोत्सव’ के साथ अभियान का शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकादमिक सहयोग देने वाले प्रेरकों का भी स्वागत है। विशेष ध्यान देने योग्य बच्चों के दाखिले पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सहयोग से प्रदेश में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा। बच्चों के दाखिला लेते ही उन्हें पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध हो जायेंगी। पहली कक्षा में आने वाला बच्चा बारहवीं कक्षा पास होने तक स्कूल न छोड़ें, इसकी जिम्मेदारी पूरे समाज की है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत दाखिले के लिये हर जिला अपनी-अपनी रणनीतियाँ बना सकता हैं।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि वे स्कूलों में पुताई, सफाई, सुधार कार्य तत्काल शुरू करवा दें। स्कूलों की जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो पाये।
खाद्य सुरक्षा अभियान
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि स्कूल चलें हम अभियान के अलावा प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान में सभी पात्र परिवारों का नाम जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि 9 जून को सभी पात्र परिवारों के आवेदन भरे जायेंगे। उन्होंने इस कार्य की प्रभावी मानीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति खाद्य सुरक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिये। जनपद स्तर पर 27 जून को सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा जिसमें पात्रता पर्ची का सत्यापन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों से पानी की कमी की रिपोर्ट मिल रही है वहाँ हर कीमत पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें, भले ही पानी का परिवहन करना पड़े। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर सरकारी मशीनरी प्रभावी रूप से काम करें इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर और जिला पंचायत के सी.ई.ओ. की है। निचले स्तर पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के लिये सी.ई.ओ. जिला पंचायत और जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी तय की जायेगी। सरकारी योजनाओं का लाभ निचले स्तर पर सभी पात्र लोगों तक पहुँचना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर बच्चा पढ़े-लिखे इसके लिये बजट की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने रीवा, मंदसौर, सागर, छतरपुर, नीमच, इन्दौर, उज्जैन, धार, शहडोल और टीकमगढ़ के विधायकों से भी स्कूल चलें हम अभियान पर चर्चा की। उन्होंने विधायकों से कहा कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में अभियान संचालन के लिये बैठकें बुलायें और समाज का सहयोग लें। विधायकों ने अभियान को पूरा समर्थन देते हुए सहयोग का संकल्प दोहराया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन, शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डे, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डि सा एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।