मास्को, 31 अगस्त (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) रूस के सोच्ची में 2014 में हुए शीतकालीन पैरालम्पिक खेलों के दौरान लिए गए खिलाड़ियों के नमूनों की दोबारा डोप टेस्ट करने पर विचार कर रहा है।
आईपीसी के प्रवक्ता क्रेग स्पेंस ने इसकी घोषणा की।
समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, ब्राजील के महानगर रियो डी जनेरियो में अगले महीने ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक खेलों का आयोजन होने वाला है। रियो पैरालम्पिक सात से 18 सिंतबर के बीच खेला जाएगा।
पेंस ने मंगलवार को कहा, “ऐसी संभावना है कि रियो पैरालम्पिक-2016 के खत्म होने के बाद हम सोच्ची पैरालम्पिक में खेलने वाले खिलाड़ियों के नमूनों की दोबारा जांच कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है। आईपीसी नमूनों से जुड़े खिलाड़ियों और परिणाम प्रबंधन के लिए अपनी डोपिंग रोधी समिति और वाडा से भी सलाह ले रही है। इस समय मेरे पास प्रयोगशाला और परीक्षण की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
इसी वर्ष जुलाई में वाडा के स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से ही रूसी खिलाड़ियों के डोपिंग में फंसने का सिलसिला जारी है। आयोग की रिपोर्ट में रूस में सरकार प्रायोजित डोपिंग कार्यक्रम चलाए जाने का खुलासा किया गया था और रूस पर किसी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किए जाने की सिफारिश की गई थी।
हाल ही में खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने रियो पैरालम्पिक खेलों में हिस्सा लेने पर लगे प्रतिंबध के खिलाफ रूस पैरालम्पिक समिति (आरपीसी) की याचिका खारिज कर दी है।
वाडा के मुताबिक, मास्को प्रयोगशाला में हुई जांच में डोपिंग के दोषी पाए गए जिन खिलाड़ियों के नमूने कथित तौर पर गायब हुए उनमें से 35 नमूने पैरा एथलीटों के थे।