चंडीगढ़, 19 जनवरी (आईएएनएस)। चंडीगढ़ में घने कोहरे, 50 मीटर से नीचे की दृश्यता और ठंड के बीच सुखना झील को दोबारा खोल दिया गया। बर्ड फ्लू के भय से इसे 19 दिसंबर को बंद कर दिया गया था।
सर्द मौसम के बीच भी कई लोग झील परिसर की तरफ उमड़े, जो कि एक महीने के बाद सोमवार को आम लोगों के लिए खोल दी गई है।
शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल की दोबारा औपचारिक शुरुआत के दौरान प्रशासनिक अधिकारी ट्रैक सूट में नजर आए और पृष्ठभूमि से पुलिस बैंड की संगीत की धुन आ रही थी।
साइनबोर्ड पर आगंतुकों का अभिवादन करते हुए ‘सुखना लेक ब्रीद्स अगेन’ लिखा हुआ था। यहां आने वाले पर्यटकों में कई युवा थे।
ओलंपियन परगट सिंह ने आईएएनएस से कहा, “झील में वापस आना अच्छा लग रहा है। तड़के और शाम की सैर के लिए यह लोगों को अपनी ओर खींच लेता है।”
यहां सैर के लिए आने वाले जे.आर.गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “मुझे झील की कमी काफी खली। मैं पिछले 20 सालों से यहां आ रहा हूं। कोहरे और सर्द के बावजूद मैं तरोताजा महसूस कर रहा हूं।”
सुखना झील परिसर 19 दिसंबर को बंद कर दिया गया था, जिसे सोमवार को औपचारिक रूप से खोल दिया गया। बर्ड फ्लू के डर से स्थानीय अधिकारियों ने लोगों के इस परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
दिसंबर के पहले 15 दिन में रहस्यमय रूप से करीब 30 हंसों और बतखों की मौत के बाद बर्ड फ्लू का भय फैल गया था। इसके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे, इनमें एक में एच5एन1 वायरस या एवियन फ्लू की पुष्टि हुई थी।
चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के स्वास्थ्य एवं वन्यजीव अधिकारी झील परिसर के नजदीक रहने वाले लोगों पर नियमित नजर बनाए हुए थे। उनका मकसद लोगों में बर्ड फ्लू के लक्षण का पता लगाना था।
इस बंद के दौरान झील के व्यावसायिक परिसर को 70 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।