रूस का शिक्षा और विज्ञान मन्त्रालय तथा भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी मन्त्रालय इस परियोजना में पूँजी निवेश करेंगे। इससे ही यह पता लग जाता है कि इस परियोजना को कितना महत्त्व दिया जा रहा है।
जैसाकि तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के० रामासामी ने बताया कि भारत एक ट्रापिकल देश है और प्रतिदिन भारत में सूरज 12 घण्टे से भी ज़्यादा समय तक चमकता है, इसलिए भारत में भारी मात्रा में वनस्पतियाँ पैदा होती हैं। इन वनस्पतियों का इस्तेमाल रसायनिक तत्त्व पाने और मोटर-गाड़ियों को चलाने के लिए सस्ता तेल जुटाने के लिए किया जा सकता है। हमें आशा है कि अपने रूसी सहयोगी वैज्ञानिकों की सहायता से हम जल्दी ही इस उद्देश्य को पाने में सफल हो जाएँगे।
रेडिओ रूस से