नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय सेलुलर उद्योग ने उत्पादन देश से बाहर जाने और इसका रुख वियतनाम की ओर होने पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि और सरकार को निवेशकों को आकर्षित करने के लिए व्यापार-हितैषी माहौल तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए।
नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय सेलुलर उद्योग ने उत्पादन देश से बाहर जाने और इसका रुख वियतनाम की ओर होने पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि और सरकार को निवेशकों को आकर्षित करने के लिए व्यापार-हितैषी माहौल तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए।
भारतीय सेलुलर संघ (आईसीए) के अध्यक्ष पंकज महिंद्रू ने आईएएनएस से कहा, “उत्पादन का रुख वियतनाम की ओर होने का कारण वहां एक निवेशक हितैषी और पूर्वानुमेय नियामक वातावरण की मौजूदगी और बेहतर प्रोत्साहन उपलब्ध होना है। मशहूर ब्रांड भी अब भारतीय बाजार की जगह वियनाम से उत्पाद खरीद रहे हैं।”
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भेंट में महिंद्रू और उनके साथ अन्य औद्योगिक हस्तियों ने कहा, “वियतनाम ने मोबाइल निर्माण पर महज 10 प्रतिशत कर पर 30 वर्षो तक टैक्स होलिडे विंडो (कर छूट खिड़की) की पेशकश की है। इसके बाद भी इसमें पहले चार वर्षो में 100 प्रतिशत और अगले नौ वर्षो तक 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।”
औद्योगिक हस्तियों की यह मुलाकात अगले वित्त वर्ष 2015-16 के लिए केंद्रीय बजट से पहले हुई है।
आईसीए के मुताबिक भारत का मोबाइल उत्पादन उद्योग का आकार वियतनाम के आकार के मुकाबले 1/12वां चीन के आकार के मुकाबले 1/16वां है।
जेटली से अपनी सिफारिश में महिंद्रू ने कहा है, “15 वर्षो के कालखंड में सभी लाभों पर और उत्पादन से आय या प्रदान की जाने वाली सेवाओं में या मोबाइल फोन उद्योग द्वारा प्लांट और मशीन के लिए सभी प्रकार के निवेश करने और अन्य उपकरण से आय पर 10 वर्षो तक टैक्स होलीडे (कर अवकाश) लागू रहे।”
तीनों क्षेत्रों में विशेष आर्थिक जोन, घरेलू शुल्क क्षेत्र और निर्यात से संबंधित ईकाइयां हैं।
आईसीए मोबाइल उद्योग का शीर्ष निकाय है जिसमें निर्माता, ब्रांडों के मालिक, प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने वाले, मूल्य वर्धित सेवा और समाधान मुहैया कराने वाले, वितरक, खुदरा श्रंखला एवं मोबाइल हैंडसेटों के प्रमुख उपभोक्ता शामिल हैं।
इसके सदस्यों में सैमसंग, एलजी, माइक्रोसाफ्ट डिवाइसेस, एचसीएल इन्फोसिस्टम्स और एप्पल यूरोप लि. के अलावा अन्य कई शामिल हैं।
मोबाइल फोन निर्यात के क्षेत्र में 2009 के सातवें स्थान से गिरकर 2013 में 14वें स्थान पर आ गया। 2009 में निर्यात 3.40 अरब डॉलर था और यह 2013 में गिरकर 2.28 अरब डॉलर रह गया।
घरेलू बाजार में मोबाइल हैंडसेट 2014 में अनुमानत: 75000 करोड़ रुपये माना गया है जिसमें से 58,550 करोड़ रुपये का हैंडसेट आयातित है। 2015 के लिए बाजार का आकार अनुमानत: 1 लाख करोड़ रुपये माना गया है जिसमें 75,500 करोड़ रुपये का आयात अनुमान व्यक्त किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।