सैन्य सेवा में भर्ती होने वाली लड़कियों के माता-पिता को 10 हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रदेश सरकार भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए वचनबद्ध है। यह बात गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने राज्य सैनिक बोर्ड की 18 वीं बैठक में कही।
गृह मंत्री ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं की मासिक आर्थिक सहायता 3 हजार से बढ़ाकर 4 हजार करने और इसे महँगाई के सूचकांक से जोड़ने का प्रस्ताव बनाया जाये। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार दिलवाने के प्रयास करने के निर्देश जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को दिए गए हैं। निजी क्षेत्र की मांग अनुसार इन्हें कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों को वाहन भी उपलब्ध करवाए गए हैं, जिससे वे भूतपूर्व सैनिकों के गाँव जाकर उनसे सम्पर्क कर सकें। ध्वज दिवस पर सभी जिलों से राशि एकत्रित करने के प्रयास किए गए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि गत वर्ष सतना एवं रतलाम में सैनिक विश्राम गृह बन चुके हैं और खंडवा और उज्जैन में निर्माणाधीन हैं। सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गयी है। गृह मंत्री ने कहा कि बैठक में प्राप्त सुझावों पर सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
1141 भूतपूर्व सैनिक को मिला रोजगार
वर्ष 2012-13 में ग्रुप सी एवं डी में विभिन्न सेक्टर में 1141 पूर्व सैनिक को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। गृह मंत्री ने पूर्व सैनिकों के अन्य राज्य से गृह राज्य आने पर वाहन के पुनः पंजीयन पर अधिभार में छूट प्रदान करने के प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिए। मध्यप्रदेश के स्थायी निवासी 58 शौर्य अलंकरण प्राप्तकर्ताओं के मासिक अनुदान में वृद्धि की गयी है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री आई.एन.एस. दाणी, महानिदेशक पुनर्वास मेजर जनरल श्री प्रमोद बहल और सचिव गृह श्रीमती सीमा शर्मा सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।