मुंबई, 20 अगस्त -घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 394 अंक लुढ़ककर 38,220 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 96 अंक फिसलकर 11,312 पर ठहरा। कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बना रहा, जिससे प्रमुख संवेदी सूचकांकों में तकरीबन एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
सत्र के आखिर में सेंसेक्स बीते सत्र के मुकाबले 394.40 अंकों यानी 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 38,220.39 पर बंद हुआ और निफ्टी पिछले सत्र से 96.20 अंकों यानी 0.84 फीसदी की कमजोरी के साथ 11,312.20 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 330.89 अंकों की गिरावट के साथ 38,283.90 पर खुला और 38,155.78 तक फिसला, जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स का ऊपरी स्तर 38,402.45 रहा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सत्र से 90.95 अंकों की गिरावट के साथ 11,317.45 पर खुला और 11,289.80 तक फिसला जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी का ऊपरी स्तर 11,361.45 रहा।
हालांकि, बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 128 अंकों यानी 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 14,869.42 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक बीते सत्र से 103.39 अंकों यानी 0.72 फीसदी की तेजी के साथ 14,421.54 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में महज चार शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 25 शेयरों में गिरावट रही और एक शेयर सपाट बंद हुआ। तेजी वाले चार शेयरों में एनटीपीसी (6.87 फीसदी), ओएनजीसी (3.33 फीसदी), पावर ग्रिड (2.11 फीसदी) और टाटा स्टील (0.14 फीसदी) शामिल रहे जबकि एचसीएल टेक का शेयर सपाट बंद हुआ।
सेंसेक्स के सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में एचडीएफसी (2.35 फीसदी), एक्सिस बैंक (2.06 फीसदी), भारती एयरटेल (1.98फीसदी), एमएंडएम (1.90 फीसदी) और टाइटन (1.89 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई के 19 सेक्टरों में से नौ सेक्टरों में तेजी रही, जबकि 10 सेक्टरों में गिरावट रही।
बीएसई के सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच सेक्टरों में युटिलिटीज (4.19 फीसदी), पावर (4.10 फीसदी), मेटल (0.94 फीसदी), तेल व गैस (0.57 फीसदी) और रियल्टी (0.39 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई के सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों में टेलीकॉम (1.78 फीसदी), कैपिटल गुड्स (1.36 फीसदी), फाइनेंस (1.24 फीसदी), एनर्जी (1.07 फीसदी) और टेक (0.53 फीसदी) शामिल रहे।