नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। लोकप्रिय ‘वडाली बंधु’ के प्यारेलाल वडाली का कहना है कि सूफी संगीत के आध्यात्मिक तथा भक्ति मार्ग ने सदियों तक मानव जाति को मंत्रमुग्ध किया, लेकिन इन दिनों सूफी संगीत शैली को वो लोग नोंच-नोंच कर खा रहे हैं, जिन्हें सूफीवाद की कतई समझ नहीं है।
नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। लोकप्रिय ‘वडाली बंधु’ के प्यारेलाल वडाली का कहना है कि सूफी संगीत के आध्यात्मिक तथा भक्ति मार्ग ने सदियों तक मानव जाति को मंत्रमुग्ध किया, लेकिन इन दिनों सूफी संगीत शैली को वो लोग नोंच-नोंच कर खा रहे हैं, जिन्हें सूफीवाद की कतई समझ नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि बॉलीवुड में सूफी संगीत के प्रचलन के बारे में आप क्या सोचते हैं? जवाब में प्यारेलाल ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, “फिल्मों में दिखाए गए गाने सूफी नहीं हैं। फिल्मों में कोई भी सूफी संगीत नहीं गाता।”
उन्होंने संगीत जगत में ‘भेड़चाल’ पर दुख जताते हुए कहा, “इन दिनों जिन लोगों को सूफी की कोई समझ नहीं है, वो स्वयं को इस संगीत का कर्ता-धर्ता होने का दावा करते हैं। दर्शक भी यह मान लेते हैं। सूफी गाने और समझने वाले चुनिंदा लोग हैं।”
वडाली बंधु ने शनिवार को मुंबई में मिर्ची लाइव के संगीत कार्यक्रम में प्रस्तुति दी। उन्होंने एमटीवी के कोक स्टूडियो के प्रथम संस्करण में भी भाग लिया था और ‘तू माने या ना माने दिलदारा’ गाने को नए सिरे पेश किया।
प्यारेलाल ने कहा, “हमने कोक स्टूडियो में एक कार्यक्रम किया था और ‘तू माने या ना माने’ गाया। यह मूलरूप से सूफी गीत नहीं था, लेकिन हमने इसे उस अंदाज में पेश किया।”
वडाली बंधु अमृतसर के करीब एक छोटे से गांव गुरु की वडाली के रहने वाले हैं। वे ‘पिंजर’ और ‘धूप’ जैसी फिल्मों में गा चुके हैं। ‘रंगरेज मेरे’ उनके सर्वाधिक चर्चित गानों में से एक है, जो कंगना रनौत और आर. माधवन अभिनीत ‘तनु वेड्स मनु’ फिल्म से है। प्यारेलाल ने बताया कि यह गाना एक रात में रिकॉर्ड किया गया था।
दोनों भाई दुबई, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य जगहों पर सूफी संगीत के जरिए दर्शकों का दिल जीतने के लिए जाने जाते हैं। प्यारेलाल के बड़े भाई पूरनचंद हैं।
प्यारेलाल सूफी संगीत को गुरु से जुड़ने का जरिया बताते हैं।
उन्होंने कहा, “हम गुरु को हमारा खुदा मानते हैं। किसी ने उस खुदा को नहीं देखा, लेकिन उसने कहा है कि अगर तुम मुझे देखना चाहते हो, तो तुम्हें स्वयं को समझना चाहिए। ईश्वर इंसानों में बसता है।”