नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकार ने बुधवार को कहा कि ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के तहत देशभर के सूखा प्रभावित गांवों और जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राज्यों सहित सभी क्षेत्रों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। हमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बेहद अच्छे परिणाम मिलेंगे।”
उन्होंने कहा, “योजना के तहत सूखा प्रभावित इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी।”
सिंह ने कहा कि राज्यों और अन्य सभी साझेदारों के सहयोग से सितम्बर तक 500 से भी ज्यादा गांवों को इस योजना के तहत लाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि 2015-16 में शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) से देश में जल संसाधन ही नहीं बढ़ेंगे, बल्कि पानी के उपयोग की दक्षता भी बढ़ेगी।
सूखा प्रभावित राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए 10 अप्रैल को एक उच्चस्तरीय समिति ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में अन्य उपायों के साथ ही राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत 1,304 करोड़ रुपये राहत के तौर पर देने की अनुशंसा की थी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में सूखे की स्थिति के उच्चस्तरीय आकलन का निर्देश दिया था।
सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वर्तमान वित्त वर्ष में बुंदेलखंड के लिए प्रति श्रमिक काम के दिनों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 150 करने को भी मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में सूखे के कारण और कम वर्षा के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए चारे की खरीद के लिए प्रभावित राज्यों को तत्काल धन जारी करने का 11 अप्रैल को निर्देश दिया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में और सभी सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों की एक बैठक में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत तत्काल सूखा राहत प्रदान करने का फैसला भी किया गया था।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा था कि राज्यों को 1,700 करोड़ रुपये में से लगभग 170 करोड़ रुपये इस्तेमाल में लाने के लिए कहा गया है, जो उन्होंने अभी तक इस्तेमाल नहीं किए हैं।