नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को यहां से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये तीर्थयात्री नाथुला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जाएंगे। इस दौरान सुषमा ने ललित मोदी प्रकरण पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
सुषमा ने यहां सुबह 10.30 बजे जवाहरलाल नेहरू भवन में तीर्थयात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने तीर्थयात्रियों को संबोधित भी किया और उनके साथ तस्वीरें भी खिचवाई। इस मौके पर सिर्फ फोटोग्राफरों को ही अंदर जाने की अनुमति थी, पत्रकारों को नहीं।
कुल 250 यात्री नाथुला दर्रे के जरिये कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। ये यात्री 50-50 के जत्थे में होंगे। इसी तरह 18 जत्थे उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से जाएंगे, जिनमें प्रत्येक जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल होंगे।
कैलाश मानसरोवर को हिंदू भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। तीर्थयात्री 19,500 फुट की ऊंचाई की यात्रा करते हैं।
इस साल यह तीर्थयात्रा आठ जून से नौ सितंबर के बीच जारी रहेगी।
भारत और चीन ने पिछले साल 18 सितंबर को कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के वैकल्पिक मार्ग के नाथुला दर्रे का इस्तेमाल करने को लेकर द्विपक्षीय समझौता किया था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि लोगों के बीच संपर्क कूटनीति का महत्वपूर्ण पहलू है, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन में।
उन्होंने कहा, “जो लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे हैं, उन्हें इस यात्रा को संभव बनाने के लिए चीन सरकार को धन्यवाद कहना चाहिए।”
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी विवाद के बारे में पूछने पर सुषमा ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।