मॉस्को, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के दौरान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिशों में चीन द्वारा रोड़ा अटकाने का मामला उठाया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर सुषमा व वांग की हुई मुलाकात के बाद कहा, “विदेश मंत्री ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र 1267 समिति में शामिल करने का मामला उठाया और इस बात पर जोर दिया कि भारत व चीन को आतंकवाद से समान रूप से पीड़ित होने की वजह से इस चुनौती से निपटने में सहयोग करना चाहिए।”
स्वरूप ने कहा, “यह तय हुआ कि दोनों देश इस मसले पर एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि जनवरी की शुरुआत में पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने फरवरी में संयुक्त राष्ट्र के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल किया जाए।
चीन ने हालांकि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से भारत के इस प्रस्ताव पर यह कहते हुए इस पर फिलहाल रोक लगाने के लिए कहा कि मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल किए जाने की शर्तो पर खरा नहीं उतरता।
भारत ने मसूद अजहर को यूएन प्रतिबंध सूची में शामिल किए जाने के उसके अनुरोध पर ‘तकनीकी रूप से रोक’ लगाए जाने पर निराशा जताई है।
वहीं, सुषमा व वांग ने सोमवार की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की भी समीक्षा की।
उन्होंने पिछले साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के दौरान लिए गए फैसलों को लागू करना निर्धारित किया।
सुषमा दो देशों के अपने दौरे के दूसरे और अंतिम पड़ाव के तहत रविवार को राजधानी मॉस्को पहुंचीं। इससे पहले वह ईरान के दौरे पर थीं।
उन्हें रूस के उपप्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन से भी मुलाकात करनी है। दमित्री व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के सह-अध्यक्ष भी हैं।
सुषमा समग्र द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने के लिए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मिलेंगी।