बेरुत, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। एक मानवाधिकार संगठन ने गुरुवार को अगस्त में तुर्की के अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) के खिलाफ किए गए एक हमले की निंदा की है। सीरियाई क्षेत्र में हुए उस हमले में 24 नागरिकों की मौत हो गई।
बेरुत, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। एक मानवाधिकार संगठन ने गुरुवार को अगस्त में तुर्की के अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) के खिलाफ किए गए एक हमले की निंदा की है। सीरियाई क्षेत्र में हुए उस हमले में 24 नागरिकों की मौत हो गई।
स्वयंसेवी संस्था ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने एक बयान में कहा कि मारे गए लोगों में छह बच्चों और 10-15 एसडीएफ के लड़ाके थे। एसडीएफ एक अरब-कुर्द सैन्य गठबंधन है।
एचआरडब्ल्यू के बयान में कहा गया है, उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि दोनों तरफ से नागरिकों की मौत को कम से कम किया जा सकता था। युद्ध के कानून के तहत ऐसा अपेक्षित है।
एचआरडब्ल्यू ने दो प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा कि तुर्की के विमान ने 28 अगस्त को एसडीएफ लड़ाकों पर सूर्योदय से पहले अलेप्पो के उत्तर में हमला किया जहां सीरियाई लड़ाके सेना के वाहनों से आवासीय भवनों के बीच उतर गए थे। उन भवनों में करीब चार दर्जन नागरिक शरण लिए हुए थे।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि तुर्की के विमान के बम गिराने के कुछ ही देर बाद तोपों से भी गोले दागे गए।
एचआरडब्ल्यू के आपातकालीन उपनिदेशक ओले सोल्वांग ने कहा, “यदि एसडीएफ के लड़ाकों ने आवासीय इमारत में खुद जगह नहीं ली होती और तुर्की की सेनाएं यह तय करने का बेहतर प्रयास की होतीं कि वहां नागरिक हैं तो 24 नागरिकों की मौत को बचाया जा सकता था।”
सोल्वांग ने कहा कि नागरिकों के जीवन को अनावश्यक खतरे में डालना गैर कानूनी है।
यह हमला तुर्की के सीरिया में अपूर्व हवाई और जमीनी हमले के पांचवे दिन हुआ था। इसका मकसद इस्लामिक स्टेट (आईएस) और कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स(वाईपीजी) दोनों से इलाके को खाली कराना था।