नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन (डीआईपीपी) विभाग के सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए सीमेंट उद्योग को अगले तीन दशकों में 20-25 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि करनी होगी।
सीमेंट निर्माता संघ (सीएमए) के 53वें वार्षिक सत्र के अवसर पर अपने उद्घाटन संबोधन में श्रीकांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की उच्च वृद्धि बनाए रखने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को 13-14 प्रतिशत से वृद्धि करनी होगी और देश की वृद्धि के लिए सीमेंट क्षेत्र महत्वपूर्ण संचालक है।
सीएमए द्वारा उठाए जाने वाले कुछ मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए डीआईपीपी सचिव ने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के लिए वह उनके मंत्रालय, खान मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
बजट 2015-16 में की गई घोषणाओं के बारे में श्रीकांत ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर काफी जोर दिया गया है और इससे सीमेंट उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। डीआईपीपी सचिव ने सीएमए द्वारा ‘सीमेंट कंकरीट रोड एंड ओवरले कन्सट्रक्शन डूज एंड डोन्ट्स’ पर पुस्तिका का विमोचन किया।
इससे पहले सीएमए के अध्यक्ष ओ.पी. पूरनमलका ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीमेंट उद्योग ने करीब आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि वृद्धि दर में संभावित बढ़ोतरी के कारण सीमेंट की मांग पूरी करने के लिए सरकार को भूमि की पर्याप्त उपलब्धता और चूना पत्थर, कोयला जैसी प्रमुख सामग्रियों और रेल उपलब्धता जैसे समुचित बुनियादी ढांचों की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।