नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने खान अब्दुल गफ्फार खान की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘सीमांत गांधी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन’ नामक प्रदर्शनी का शुक्रवार को उद्घाटन किया।
मंत्रालय की ओर से यहां जारी एक बयान के अनुसार, शर्मा ने खान अब्दुल गफ्फार खान के वंशजों यानी उनकी प्रपौतियों यास्मिन खान और तंजीम खान तथा प्रपौत्र दानिश खान को इस अवसर पर शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
बयान में कहा गया है कि नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय (एनएमएमएल) के अध्यक्ष प्रो. लोकेश चंद्र तथा भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शैदा मोहम्मद अब्दाली और संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
संस्कृति मंत्रालय 2015-16 के दौरान खान अब्दुल गफ्फार खान की 125वीं जयंती मना रहा गया है। स्मरणोत्सव के एक हिस्से के रूप में नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय ने इस प्रदर्शनी और कार्यक्रम का आयोजन किया है।
डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “खान अब्दुल गफ्फार खान एक महान व्यक्ति थे, जो भारत की स्वतंत्रता और हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए समर्पित थे। आज यह एक महान क्षण है कि उनके परिवार के सदस्य इस समारोह में मौजूद हैं। खान अब्दुल गफ्फार खान और गांधी जी एक-दूसरे के पूरक थे और हम उनकी यादों को आने वाले दशकों के लिए जिंदा रखेंगे।”
शर्मा ने कहा, “खान अब्दुल गफ्फार खान एक कट्टर राष्ट्रवादी और मूलत: बहुलवादी व्यक्ति थे। उन्होंने कभी भी दो राष्ट्र सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया और भारत के विभाजन का जोरदार विरोध किया। उन्होंने एक राष्ट्र के रूप में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता का समर्थन किया।”
एनएमएमएल के अध्यक्ष प्रो. लोकेश चंद्र, खान अब्दुल गफ्फार खान की प्रपौती यास्मिन खान, संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव के. के. मित्तल, संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव सोनिया सेठी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।